9 फरवरी, रविवार को भारत और बांग्लादेश में अंडर 19 वर्ल्ड कप का final’ मुका’बला था। जिसमें भारतीय टीम की हा’र हुई। लेकिन भारत के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने इस टूर्नामेंट में अपनी अलग ही जगह बना ली।
बिश्नोई ने इस टूर्नामेंट में 17 विकेट लेकर अंडर 19 वर्ल्ड कप के सबसे तेज़ गेंद’बाज़ बन गए। हालांकि बिश्नोई का ये सफर बेहद मुश्कि’ल था। अंडर 19 टीम में आने के लिए, यहां तक कि क्रिकेट खेलने के लिए उन्होंने बहुत सं’घर्ष करना पड़ा।
रवि बिश्नोई का जन्म सरकारी स्कूल के हेडमास्टर के घर हुआ जहां किसी को क्रिकेट का शौ’क नहीं था। लेकिन कुलदीप रोजाना अपने बड़े भाई के साथ क्रिकेट खेलने जाते थे और पिता के घर आने से पहले वापस आ जाते थे।
इसी बीच जोधपुर में शाहरुख पठान और प्रद्योत सिंह नाम के दो दोस्तों ने एकेडमी खोलने का फै’सला किया। पैसों की कमी के कार’ण उन्होंने खुद को इस एकेडमी को बनाने के लिए मज’दूरों का काम किया। रवि बिश्नोई ने एकेडमी बनाने के लिए कं’धे में सीमेंट के बैग लादे, यहां तक कि पत्थ’र तो’ड़े। मज’दूरी करने से जो पैसे बचे उनका इस्तेमाल पिच बनाने वाले एक्सपर्ट्स की फीस दी।
रवि ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि “वह छह महीने मेरे लिए काफी मुश्कि’ल थे, मैं काफी मेह’नत करता था बिना यह जाने कि इसका कोई फाय’दा भी होगा या नहीं। एकेडमी तैयार हुई और वहां से मेरा क्रिकेट का असली सफर शुरू हुआ।”
अंडर 16 और फिर अंडर 19 ट्रायल में जगह बनाने में नाकाम रहने के बावजूद भी रवि बिश्नोई ने हा’र नहीं मानी। अंडर 19 के लिए उन्होंने दूसरी बार ट्रायल दिया और इस बार वह कामयाब रहे। पिछले साल सितंबर में उन्होंने वीनू माकंड ट्रॉफी में राजस्थान की ओर से डेब्यू किया और फिर क्रिकेट की दुनिया में ऊं’चाई हा’सिल करते गए। इसके बाद उन्हें भारत की अंडर19 टीम में बुलाया गया और वह वर्ल्ड कप टीम का भी हि’स्सा बन गए।
रवि बिश्नोई अब दुनिया भर में चर्चित है और भारत का नाम रौ’शन के रहे हैं। आईपीएल ऑक्शन में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने दो करोड़ रुपये की बड़ी कीमत में खरीदा है। और अब वह देश के नंबर 1 गेंदबाजों में से एक माने जाते है। रवि बिश्नोई के आइडल शेन वॉर्न हैं। और इनकी बॉलिंग करने का स्टाइल रशीद खान से बहुत मिलता है।