सुप्रीम कोर्ट में NCP-कांग्रेस- शिवसेना की ओर से पेश हुई ये दलीलें

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kapil sibbal- abhishek manu singhvi

महाराष्ट्र सरकार के बहुम’त सा’बित करने को लेकर NCP-कांग्रेस- शिवसेना ने मिलकर सुप्रीम को’र्ट का दरवाज़ा ख’टखटा’या है। इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस दिया है और केंद्र, देवेंद्र फडनवीस और अजित पवार को सभी ज़रूरी काग़ज़ात कोर्ट में पेश करने की बात कहते हुए कल सुबह 10:30 तक के लिए कार्रवाही टाल दी है। आज कोर्ट में सुन’वाई के समय अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा “कल फ़्लोर टेस्ट का आदेश दे कोर्ट, उनका कहना है कि “ऐसे बनी सर’कार पर फ़्लोर टेस्ट तुरंत होना चाहिए और इसका live टेलिकास्ट होना चाहिए ताकि सभी को सारी बातें पता हों और विधायकों को तो’ड़ने की राजनी’ति न हो” वहीं उन्होंने आगे कहा कि जितनी जल्दबा’ज़ी सर’कार बनाने में की गयी है तो फ़्लो’र टे’स्ट से घब’राना क्यों है?”

सुप्रीम को’र्ट की बह’स के दौरान कपिल सिब्बल ने राज्यपाल की भूमिका पर स’वाल उठाए जहाँ उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्यपाल ने जैसे निर्णय लिए गए हैं उस तरह से ये लगता है कि राज्यपाल ये काम किसी पार्टी के लिए कर रहे हैं न कि अपनी भूमि’का को ध्यान में रखते हुए। इस बात को साबित करने के लिए कपिल सिब्बल ने अब तक हुई सारी घट’नाओं का ब्यो’रा जज की टी’म के सामने पेश किया।

वहीं मुकुल रोहतगी ने कहा कि भाजपा के कुछ विधायकों की ओर से मैं ये द’लील देना चाहता हूँ कि आज रविवार है और ये मैटर इतना सी’रियस नहीं है कि आज इस पर सुन’वाई की जाए। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बन चुकी है तो ऐसे में सुनवाई की इतनी जल्दी क्या है। साथ ही वो कहते नज़र आए कि इस मामले को पहले हाईकोर्ट में ले जाना चाहिए उसके बाद बात सुप्रीम को’र्ट तक पहुँच सकती है। आगे उन्होंने कहा कि कोर्ट में राज्यपाल की भूमिका पर आप कोर्ट में सवा’ल नहीं कर सकते।

लेकिन उनकी इन बातों को को’र्ट में ख़ा’रिज कर दिया गया और कहा गया कि ये चीफ़ जस्टिस का निर्ण’य था कि इस मामले पर आज सुनवाई होगी और अब सुनवाई शुरू भी हो चुकी है। जस्टिस जे रमन्ना ने कहा कि राज्यपाल पर किसी तरह का सवाल कोर्ट में नहीं उठाया जा सकता ये फ़ैसला कोर्ट में नहीं हो सकता। लेकिन सदन में बहुमत साबित करना ही चाहिए।

मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने ये कहा है “अगर सु’प्रीम को;र्ट ये कहें कि बहुमत साबित करना इस समय के अंदर ज़रूरी है और ऐसे में अगर सदन की ओर से ये आए कि सुप्रीम कोर्ट को दो साल के अंदर अपने सारे लम्बित मामले ख़त्म करने होंगे तो क्या इससे न्यायपालिका के काम में बाधा नहीं होगी। इसी तरह अगर आप विधायिका के काम को अपनी तरह से काम करने का आदेश देते हैं तो हमारा काम भी बाधित होगा। कोर्ट और सदन को एक- दूसरे का सम्मान करना चाहिए”

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि अगर भाजपा के पास बहुम’त है तो वो जल्द से जल्द इसे सा’बित करें। कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल कें’द्र के निर्दे’श पर काम कर सकते हैं। हमें मौक़ा दिया जाए तो हम बहुम’त सा’बित कर सकते हैं। वहीं कपिल सिब्बल ने ये सवाल भी सामने रखा कि जब अजीत पवार ने विधायकों का लैटर सौंपा तो उसे वेरिफ़ा’ई क्यों नहीं किया गया? हाल में सुनवाई जारी है। को’र्ट का क्या निर्ण’य आता है इस पर सबकी नज़रें बनी हैं।