सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आया फैसला, आयुर्वेद डॉक्टर पर लगा…

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कोरोना संकट देश भर में दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है और हजारों लोगों की जान इस संक्रमण के कारण जा रही है। ऐसे में दुनिया भर के सभी लोग इस वायरस से पीछा छुड़ाना चाहते हैं। वहीं कुछ लोग इस वायरस को मज़ाक समझ रहे हैं। हाल ही में एक शख्स ने दावा किया था कि उसने कोरोना को हराने की दावा इजात की है, जो के अब तक दुनिया भर में मौजूद किसी भी साइंटिस्ट ने नहीं निकाली। बता दें कि ये शख्स आयुर्वेद का एक डॉक्टर है।

खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसके मुताबिक इस आयुर्वेद डॉक्टर ने कोरोना को हराने की दवा को बना लेने का दावा किया था। जिसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की और आयु्वेद के इस डॉक्टर पर 10,000 रूपए का जुर्माना लगा दिया। हैरानी की बात तो ये है कि ये याचिका खुद इस शख्स ने है दाखिल की थी। बता दें कि हरियाणा के ओमप्रकाश वैद ज्ञानतारा ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्होंने कोरोना के इलाज की दवा खोज ली है। उनकी दवा का इस्तेमाल देश भर के सभी डॉक्टरों, अस्पतालों द्वारा किया जाना चाहिए।
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बता दें कि इस शख्स के पास आयुर्वेदिक दवा और शल्य चिकित्सा (BAMS) की डिग्री है। इसने कोर्ट से कहा कि “वह भारत सरकार के सचिव, स्वास्थ्य विभाग, को सीओवीआईडी ​​-19 के इलाज के लिए उसके द्वारा बनाई गई दवाओं का उपयोग करने का आदेश दें।” वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि “कोर्ट का मानना है कि ज्ञानतारा की जनहित याचिका के ज़रिए रखी गई मांग पूरी तरह से ग़लत है और लोगों के बीच यह संदेश जाना ज़रूरी है कि लोगों को इस तरह की बेतुकी बातें को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर नहीं करनी चाहिए।”