राज ठाकरे की इस मांग पर शिवसेना ने उड़ा’या मज़ा’क, कहा ‘उन्हें राज्य की चिंता है या…’

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कोरोना वाय’रस के चलते लगभग पूरा देश बन्द पड़ा है, केवल ज़रूरत के सामान की दुकानें खुली हुई है। जिसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए दूसरी पार्टियों के नेता सरकार के सामने अपने अपने सुझाव रख रहे हैं। इसी के चलते महारा’ष्ट्र नवनिर्मा’ण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने महारा’ष्ट्र में शराब की दुकानें खोलने की सलाह दी है। जिसपर शिवसेना पार्टी ने उनका मज़ा’क उड़ाया है, साथ ही तं’ज़ करने के अंदाज़ में कहा है कि वाकई उन्हें राज्य के खजाने की चिंता है या फिर शराबियों की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज ठाकरे को इतना पता होना चाहिए के लॉकडाउन केवल शराब की दुकानें ही भी बल्कि पूरी फैक्ट्रियां भी बंद हैं।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि “केवल दुकानें शुरू करने से राजस्व नहीं मिलता। जब कोई वितरक कारखानों से उत्पाद खरीदता है तो सरकार को उत्पाद शुल्क और बिक्री कर के रूप में राजस्व मिलता है। इन इकाइयों को शुरू करने के लिए श्रमिकों की जरूरत होती है। इसके अलावा, अगर दुकानें फिर से खुलीं तो लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जाएगा।” राज ठाकर ने गुरुवा’र को मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा कि “शराब की दुकानों को खोलने का मतलब शराब उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करना नहीं है, बल्कि मुश्किल वक्त में राजस्व में वृ’द्धि को सुनि’श्चित करना है।”

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार होटलों और रसोईघरों को खाना उपलब्ध कराने की इजाज़त भी दे। बता दें कि महारा’ष्ट्र के अधिकतर लोग होटलों और रसोईघरों के खाने पर ही निर्भ’र हैं। वहीं एमएनएस प्रमुख की शराब की दुकानों को खोलने की मांग पर शिवसेना ने मज़ाक बनाया है। शिवसेना ने तं’ज़ करते हुए कहा कि “अपनी मांग के जरिये उन्होंने सरकार को बताया कि शराब भी खाने जैसा महत्वपू’र्ण है। उन्होंने अमूल्य जानकारी दी है कि जिस तरह चावल की थाली लोगों के लिए जरूरी है उसी तरह वो ‘क्वार्टर’ और ‘पेग’ पर भी निर्भ’र हैं। उन्हें राज्य के राजस्व की चिंता है या फिर शराबियों की।”