संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसदों के सस्पेंड कर दिया गया है। जिसके बाद से इसको लेकर विपक्ष काफी हंगामा कर रहा है और निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा है। बता दें कि सोमवार 29 नवंबर को से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है। पहले दिन ही कृषि कानूनों की वापसी वाले बिल पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस बीच ही हुए हंगामे के दौरान राज्यसभा से 12 सासंदों को सस्पेंड कर दिया गया।
जिसके बाद विपक्ष एकजुट हो गया और इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की। मंगलवार के दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस मामले एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि “किस बात की माफ़ी?संसद में जनता की बात उठाने की?बिलकुल नहीं!” जिसके बाद उनके इस ट्वीट का रिप्लाई देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी को निशाना बनाया। उन्होंने राहुल की बात का जवाब देते हुए कहा कि “क्या आप (राहुल गांधी) अपने सांसदों के कृत्य का समर्थन करते हैं.?”
गौरतलब हैं कि इससे पहले इस मामले पर भी पीयूष गोयल ने बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि “जिन सांसदों को निलम्बित किया गया है अगर वो अपने व्यवहार के लिए सदन और सभापति से माफ़ी मांगे और साथ ही सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें तो सदन निलंबन वापिस लेने का निर्णय कर सकती है।” सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के खिलाफ सोमवार को कार्रवाई की गई। पता चला है कि विपक्ष अब एक बैठकर कर आगे की रणनीति बना सकता है।