नई दिल्ली – सिंथेटिक मांजे को इंसानों और पशु-पक्षियों के लिए घातक मानते हुए नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। समाचार एजेंसी के अनुसार एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को नायलॉन और सिंथेटिक मांजों के निर्माण, भंडारण, खरीद-बिक्री और इस्तेमाल रोकने का आदेश दिया है। एनजीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध नायलॉन के साथ-साथ चाइनीज और शीशे व धातुओं की परत चढ़े तेज धार वाले कॉटन के मांजे पर भी लागू होगा।
पशु अधिकारों की वकालत करने वाले एनजीओ पीपुल फॉर इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा), खालिद अशरफ और अन्य की याचिका पर एनजीटी का यह फैसला आया है। इसमें शीशे और धातुओं की परत चढ़े मांजे के जोखिम को देखते हुए इस पर पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। इसके साथ ही पेटा की दलील थी कि कॉटन उद्योग में मांजा बनाने के काम में छोटे बच्चे लगे होते हैं जो इसमें इस्तेमाल हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आकर सांस की बीमारी का शिकार हो जाते हैं।