उत्तराखंड में राजनीतिक अटकलें बढ़ने लगी हैं। जब से राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Cm Tirath singh rawat) को भाजपा आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है तब से ये अटकलें और भी ज्यादा तेज हो गई हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बीते 3 दिनों से दिल्ली में हैं। लेकिन वह अब तक न तो किसी से मिले हैं और न ही बाहर निकले हैं। हालांकि जिस दिन वह दिल्ली पहुंचे थे उस दिन ही उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हो गई थी। लेकिन उसके बाद से उन्होंने अभी तक किसी और से मुलाकात नहीं की है।
सूत्रों का मानना है कि उत्तराखंड का सीएम पद एक बार फिर बदलने की कगार पर है। बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक सांसद हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए एक विधायक बनना जरूरी है। जानकारी के मुताबिक सीएम पद की शपथ लेने के बाद 6 महीनों के अंदर उनका विधायक बनना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो उनकी कुर्सी खतरें में पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में 2 सीटों पर होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी चुनाव लडेंगे। अगर इसमें उन्हें जीत मिलती है तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाया तो उनको अपना पद खोना पढ़ेगा।
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण उपचुनाव पर चुनाव आयोग की रोक है। जिसके चलते तीरथ सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब आने वाले समय में तीरथ सिंह रावत राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं इसका फैसल तो अब चुनाव आयोग के हाथ में है। बता दें कि उत्तराखंड में आज तक भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री ने अपने पद के पांच साल पूरे नहीं किए हैं। पांच साल पूरे होने से पहले ही या तो उसको मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाता है या फिर वह खुद ही इस्तीफा दे देता है।