एजेंसियों का हो रहा गलत इस्तेमाल, इन 9 नेताओं की PM को चिट्ठी

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नई दिल्ली : आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का मामला गरमाता जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कार्रवाई से यह प्रतीत होता है कि “हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गए है।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद से आपके प्रशासन के तहत जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए, रेड किए गए या पूछताछ किए गए प्रमुख राजनेताओं की कुल संख्या में से अधिकतम विपक्ष के हैं। दिलचस्प बात यह है कि जांच एजेंसियां भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से चलती हैं।

कांग्रेस के पूर्व सदस्य और असम के वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरना की CBI और ED ने 2014 और 2015 में शारदा चिट फंड घोटाले की जांच की थी। हालांकि, उनके BJP में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा। इसी तरह, पूर्व TMC नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद गोफन ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के बाद मामले आगे नहीं बढ़े। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें महाराष्ट्र के नारायण राणे भी शामिल हैं।

विपक्ष के जिन नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उनमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल हैं। आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सोमवार यानी 6 मार्च तक सीबीआई कस्टडी में रहना होगा। उनकी जमानत याचिका पर अब 10 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी।