अग्निपथ योजना को लेकर फिर एक बार सरकार को घेरना शुरू कर दिया गया है। भाजपा की इस योजना के विरोध में सभी युवा खड़े हैं। साथ ही कई पार्टियों भी इसके खिलाफ हैं। हालही में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। जिसको मुद्दा बनाते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अग्निपथ योजना के आवाज उठाई है। ममता बनर्जी सरकार का कहना है कि जापान में हुई एक्स पीएम की हत्या भारत में विवादास्पद रक्षा भर्ती कार्यक्रम (अग्निपथ योजना) के संभावित नुकसान को रेखांकित करती है।
तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में शनिवार को इस मुद्दे पर बात छेड़ी गई। इसमें लिखा गया कि “एक पूर्व सैनिक के हाथों आबे की मौत ने अग्निपथ योजना को लेकर लोगों के डर की पुष्टि की है। हमलावर ने तीन साल की सेवा के बाद जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल की अपनी नौकरी खो दी थी और उसे कोई पेंशन नहीं मिल रही थी। अग्निवीरों को भी उनकी चार साल की सेवा अवधि समाप्त होने के बाद कोई पेंशन नहीं मिलेगी।”
इसके अलावा टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी रविवार को एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि “बीजेपी अग्निपथ योजना के नाम पर आग से खेल रही है। हमने देखा कि जापान में क्या हुआ है। एक पूर्व सैनिक ने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी।” मुखपत्र जारी होने के बाद बीजेपी ने भी इसपर अपनी बात रखी। भाजपा का कहना है कि “हमने ऐसी किसी घटना के बारे में कभी नहीं सुना जिसमें हमारे देश का कोई पूर्व सैनिक शामिल रहा हो। टीएमसी सिर्फ इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है।”