लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हज़रतगंज चौराहे को सभी जानते हैं. ये एक ऐसा चौराहा है जिसका बहुत शानदार इतिहास है. लखनऊ में कोई आये और हज़रतगंज न जाए ये तो समझ नहीं आता है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार को शायद हज़रतगंज का नाम पसंद नहीं आया. अब हज़रतगंज का नाम बदलकर अटल चौक किया जा रहा है. बाहर के लोगों को भले हज़रतगंज नाम का महत्व न पता हो लेकिन लखनऊ शहर के लोगों के लिए ये बहुत अहम् है.
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में महापौर संयुक्त भाटिया ने कहा कि इस चौराहे का नाम पहले से ही अटल चौक रखे जाने का प्रस्ताव था. लिहाजा आज अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के मौके पर इस चौक का नाम अटल चौक रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ी अटल बिहारी वाजपेयी के व्यवहार और कर्तव्यों के बारे में जान सकेगी और उनके विचारों से प्रेरणा ले सकेगी.
एक डिग्री कॉलेज का भी नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम किया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर शुक्रवार को लोकभवन में भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी ने 25 दिसंबर को लोकभवन में अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फुट की प्रतिमा का लोकार्पण करने की भी घोषणा की.
शुक्रवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया. उन्होंने कहा कि आज भी सभी की जुबां पर अटल बिहारी वाजपेयी का ही नाम है. हर किसी के मन में उनके लिए सम्मान है. अटल जी की नजर में कोई भी व्यक्ति छोटा बड़ा नहीं था. वो सदैव कहते थे कि मैं मरने से नहीं डरता हूं, बदनामी से डरता हूं.