समुद्र किनारे जा रहे हैं, तो रहें सावधान, आसपास मौजूद हो सकता है ये खतरा

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मुंबई: मुंबई के समुद्री तटों पर एएक बार फिर से खतरा नजर आने लगा है। ये ऐसा खतरा है, जिसको इसके बारे में जानकारी नहीं है, वो इसकी चपेट में आसानी से सकता है। हाल ही में जहरीली ब्ल्यू बाटल जेलिफिश दिखी है। जेलिफिश के संपर्क में आने पर जलन और सांस लेने में समस्या आ सकती है, इसलिए आगामी गणेश महोत्सव के

जेलीफिश के नजर आने के बाद मुंबई महानगरपालिका ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने का फैसला लिया है। दरअसल, मुंबई में गणे महोत्सव शुरू होने वाला है। तैयारियां जारों पर हैं। ऐसे में बीएमसी उपायुक्त हर्षद काले ने कहा, विसर्जन स्थल पर चिकित्सा सुविधा के साथ जरूरी दवाएं रखी जाएंगी। अधिकांश गणेश मूर्तियों को गिरगांव, दादर और जुहू समुद्र तट पर विसर्जित किया जाता है। इन जगहों पर हम वालंटियरों को भी तैनात करेंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार हर साल बरसात के मौसम में समुद्री किनारों पर प्रजनन के लिए जेलिफिश आती हैं। जूलाजी के प्रोफेसर भूषण भोइर ने कहा कि जहरीली जेलिफिश का स्पर्श हो जाने पर दर्द महसूस होता है। अस्थमा से पीड़ित लोगों को सांस लेने में समस्या आ सकती है। जेलिफिश का जहर फैलने पर गले में सूजन, हृदय रोग और सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।

मुंबई में जुलाई में हुई भारी बारिश के कारण प्रसिद्ध जुहू बीच पर टारबॉल और जेलीफिश देखी गई थी, जिसके बाद समुद्र तट पर तैनात लाइफगार्ड को नर्देश दिया गया था कि वह समुद्र बीच पर आने वाले पर्यटकों को समुद्र तट से दूर रखें जिससे किसी भी प्रकार के नुकशान से बचा जा सके। मालूम हो कि जेलिफिश का डंक बेहद दर्दनाक होता है।

विशेषज्ञ मामते हैं कि जेलिफिश हर साल बरसात के समय समुद्र तट के किनारे प्रजनन करने के लिए आती हैं। बरसात का समय जेलिफिश के लिए प्रजनन का समय होता है। आगर कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो उसको दर्द का अनुभव होता है। मालूम हो कि पिछले कुछ समय में मुंबई में जेलिफिश के संपर्क में आने से 20 लोग इसके शिकार बने हैं।