राज्यपाल बनकर दुखी हूं, खुश नहीं, ऐसा क्यों बोले भगत सिंह कोश्यारी

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महाराष्ट्र: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बाद फिर अपने बयान से सुर्खियों में हैंण् उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्यपाल बनने के बाद से वह नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि वह सही जगह पर नहीं हैं. कोश्यारी महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित जैन समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान दिया गया उनका ये बयान चर्चाओं में आ गया.

राज्यपाल ने बताया कि उन्हें खुशी तभी महसूस होती है जब राजभवन में सन्यासी या मुमुक्षु रत्न आते हैं, और वे उनके साथ कार्यक्रम में शामिल होते हैं. इस दौरान राज्यपाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार से भविष्य में तीर्थ उद्योग लगाने का अनुरोध भी किया.

राज्यपाल ने कहा कि तीर्थ की अपनी गरिमा होती है. बताते चलें कि शुक्रवार को राज्य पर्यटन विभाग की ओर से पवित्र जैन तीर्थ दर्शन सर्किट का उद्घाटन किया था, जिसमें पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और वैष्णो देवी मंदिर बोर्ड के सदस्य महामंडलेश्वर श्री विश्वेश्वर आनंद गिरि महाराज भी उपस्थित हुए थे.

ऐसा पहली बार नहीं था जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में आए हों. इससे पहले भी वे अपने कई बयानों के चलते सुर्खियां बटोर चुके हैं. सितंबर 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त हुए कोश्यारी ने पिछले महीने ही एक सार्वजनिक समारोह में शिवाजी महाराज को लेकर एक विवादित बयान दे दिया था, जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति काफी गरमा गई थी और कोश्यारी को काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था.

इतना ही नहीं, इसी विरोध के चलते उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर माफी भी मांगी थी. इस लेटर में उन्होंने कहा था, श्शिवाजी महाराज न केवल महाराष्ट्र के बल्कि पूरे देश के गौरव हैं. शिवाजी जैसे बड़े आइकन्स की बेइज्जती करने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता हूं.