शीतकालीन चार धाम तीर्थ यात्रा
जगतगुरू शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराज की ऐतिहासिक ‘शीतकालीन चार धाम तीर्थ यात्रा’ आज मां गंगा के शीतकलीन पूजा स्थली मुखवा गांव, उत्तरकाशी पहुंच गई है।
मुखवा गांव पहुंचते ही जगतगुरू शंकराचार्य जी का भव्य स्वागत हुआ।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जी ने कहा कि “सरकारों को मंदिरों का संचालन धर्माचार्यों के हाथ सौंपना चाहिए। धर्माचार्य सनातन धर्म का अध्ययन करते हैं, उसका पालन करते हैं और उसे जीते हैं। मंदिरों के संचालन में धर्म का ज्ञान होना आवश्यक है। अधिकारी आईएएस, पीसीएस जनरल नॉलेज की पढ़ाई करते हैं, उनका यह क्षेत्र नहीं है, वे किसी क्षेत्र के एक्सपर्ट नहीं होते हैं, किसी असामान्य परिस्थिति में कैसे तुरंत मैनेजमेंट करना है उसमें किसकी कितनी बुद्धि चलती है और जेनरल नॉलेज का ज्ञान ऐसे व्यक्ति आईएएस, पीसीएस बनते हैं। वहीं सनातन धर्म की पढ़ाई करने वाला एक बालक भी जानता है की गर्भगृह में प्रवेश बिना स्नान किए नहीं करते हैं। इसलिए सरकारों को चाहिए कि सनातन धर्म का ज्ञान जिसे है, जो उसका पालन करता है उसे जीता ऐसे धर्माचार्यों को मंदिरों का संचालन सौंपना चाहिए”