दीवाली से पहले ही दिल्ली सरकार का बड़ा दावा, कहा ’10 दिनों के अंदर थम जाएगा कोरोना..’

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसको देख दिल्ली सरकार काफी परेशान है। लेकिन इस मुश्किल भरे माहौल में भी केजरीवाल सरकार ने दावा लिया है कि जल्दी है फिर से दिल्ली में कोरोना संकट पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते मरीजों का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण हैं। उन्होंने दिवाली से एक दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस कर के कहा कि राज्य में बढ़ते कोरोना संकट की वजह प्रदूषण है। साथ ही उन्होंने कहा कि “पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की वजह से पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण फैल रहा है। पराली जलाने की वजह से पूरे 1 महीने तक पूरा उत्तर भारत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में धुआं ही धुआं होता है।”

दीवाली की शुभकानाएं देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद ने कहा कि “पराली की समस्या से किसान भी परेशान रहते थे लेकिन अब ऐसा नही होगा क्योंकि पूसा एग्रीकल्चर इन्स्टीट्यूट ने इसका समाधान निकाल लिया है। वहां के वैज्ञानिकों ने ऐसा बायो डी कंपोजर बनाया है, जिसका घोल बनाकर छिड़कने से पराली 20 दिन के अंदर गल जाती है और खेतों में खाद बन जाती है। दिल्ली सरकार ने भी दिल्ली 2000 एकड़ कृषि भूमि पर इसका छिड़काव करवाया है।” उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने 13 अक्टूबर को 24 गांव के अंदर इसका छिड़काव करवाया है। जिसका नतीजा भी आना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि 20 दिनों के अंदर उन गांव में लगभग 70-95% डंठल गल चुका है।

Arvind kejriwal

पूसा इंस्टीट्यूट का शुक्रिया अदा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि “इस बारे में अभी तक कोई ठोस काम नहीं किया गया था। हर साल इस समय शोर होता है, उस पर राजनीति होती है लेकिन काम नहीं होता। इस बार मैं पूसा इंस्टीट्यूट का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने इसका समाधान निकाल लिया है।” साथ ही उन्होंने कहा कि “पराली जलाने से मिट्टी भी खराब हो जाती है और धुआं भी होता है. इसलिए मेरी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकारों और सभी कोर्ट से हाथ जोड़कर अपील है कि अब हमारे सामने समाधान है और बहुत कम पैसे में यह किया जा सकता है, इसे लागू करें। इसमें ₹30 प्रति एकड़ का ही खर्चा आता है।”