पटना। बिहार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अश्लीलता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके विरोध में समाज को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। खासकर महिलाओं को गलत चीजों का डटकर प्रतिकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तिलक और शादी जैसे कार्यक्रमों में अश्लील गाने बजाना और उन पर नृत्य करना समाज की मानसिकता को दर्शाता है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि उस क्षेत्र के लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं।
डीजीपी ने कहा कि यदि महिलाएं घर से बाहर निकलकर इन गानों पर रोक लगाने की मांग करेंगी, तो ऐसे गाने बजने बंद हो जाएंगे। उन्होंने अभिभावकों को अपने बच्चों की परवरिश और संस्कारों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों के हाथ में मोबाइल आ चुका है, ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस पर नजर रखें।
अश्लीलता के खिलाफ उठानी होगी आवाज
पटना पुलिस मुख्यालय में महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और सम्मान विषय पर आयोजित ‘उड़ान’ कार्यक्रम में डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में कई महिलाओं ने शिकायत की है कि उन्हें डांस या किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता है और वहां असहज माहौल पैदा कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को पुलिस से मदद लेनी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पुलिस के खिलाफ हिंसा और हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पुलिस डरकर पीछे हट जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएंगे।
महिला सुरक्षा को लेकर बड़े कदम
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बिहार में महिला शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर बड़े कदम उठाए गए हैं। राज्य में 27 हजार महिला पुलिसकर्मी कार्यरत हैं, सभी जिलों में महिला थाना संचालित हो रहे हैं और अधिकांश थानों में महिला हेल्पडेस्क की स्थापना की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायती राज व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए लागू किया गया है, जो बिहार के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि डायल 112 और अन्य हेल्पलाइन नंबरों पर भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शानदार रिस्पांस मिल रहा है। पिछले साल महिला थाना को मजबूत बनाने के लिए 550 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
“न अश्लील गाने देखेंगे, न देखने देंगे” – नीतू चंद्रा
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा भी मौजूद थीं। उन्होंने भोजपुरी और अन्य भाषाओं में अश्लील गानों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “ये गाने हमारे समाज को बदनाम कर रहे हैं। बिहार में इतना समृद्ध संगीत और संस्कृति है, जिसे सुनाया जाना चाहिए।”
उन्होंने महिलाओं से ऐसे गानों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, “जब तक हम अश्लीलता को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाएंगे, ऐसे गाने बनते रहेंगे। हमें यह संकल्प लेना होगा कि न हम ऐसे गाने देखेंगे, न सुनेंगे और न ही देखने-सुनने देंगे।”
नीतू चंद्रा ने महिला पुलिसकर्मियों को अपनी उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर शेयर करने और रील्स बनाकर पूरे विश्व तक पहुंचाने की सलाह दी।
महिला सशक्तिकरण पर बल
कार्यक्रम में सीआईडी एवं कमजोर वर्ग के एडीजी अमित कुमार जैन ने कहा कि समाज में लिंग आधारित समानता बेहद जरूरी है। वहीं, गृह विभाग की विशेष सचिव केएस अनुपम ने कहा कि हर लड़की को बड़े सपने देखने चाहिए और अपनी उड़ान खुद तय करनी चाहिए।
विशेष शाखा की डीआईजी हरप्रीत कौर ने कहा कि बचपन से ही लड़कियों को अन्याय सहने की सीख देने के बजाय, उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं की भागीदारी केवल पुलिस में ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है।
कार्यक्रम के दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने अभिनेत्री नीतू चंद्रा से सवाल-जवाब सत्र में भी भाग लिया।
समाज को आगे आना होगा
अंत में, डीजीपी विनय कुमार ने समाज से अपील की कि वे अश्लीलता और महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के अपराध को सहन न करें। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन हर संभव सहायता के लिए तत्पर है और महिला सुरक्षा के लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है।