कोरोना वाय’रस के खौ’फ के बीच आरबीआई ने दी राहत की यह ख’बर..

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विश्वभर में फैले कोरोना वाय’रस को रोकने के लिए दुनियाभर की सभी सरकारें तो अपनी पूरी कोशिशें कर ही रही हैं लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस वाय’रस से निपटने के लिए बड़ा फैस’ला लिया है। आरबीआई के इस फैस’ले से लोगों को राहत मिल सकती है। आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है। शुक्रवा’र को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि “रेपो दर को मौजूदा समय में 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.4 प्रतिशत किया गया है।” मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्य इस फैसले के पक्ष में हैं। बता दें कि इससे पहले भी आरबीआई कई बार ऐसे फैसले ले चुका है। यहां तक कि बैंकों को दरों में पर्याप्त कटौती करने का भी निर्देश दिया था।

बता दें कि आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत यानी 75 आधा’र अंक की कटौती की है। लॉकडाउन के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बाद रेपो दर को 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.4 प्रतिशत करने की घोष’णा की गई। एमपीसी की बैठक में यह फैसला लिया गया है, जोकि अप्रैल की शुरुवात में होने वाली थी। माना जा रहा है कि आरबीआई के इस फैसले से कोरोना वाय’रस से लड़ने के लिए मदद मिल सकती है। साथ ही रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंक यानी 0.90 प्रतिशत की कटौती की ऐलान किया गया है। जिसकी वजह से अब रिवर्स रेपो रेट 4 प्रतिशत होगा।

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि इस फैसले से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए 3.74 लाख करोड़ रुपये के बराबर नकद धन उपलब्ध होगा। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि “नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया गया है। सीआरआर 3 प्रतिशत पर आ गया है। इस कदम से वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पूंजी सुनिश्चित होगी। सीआरआर वह राशि है जो वाणिज्यिक बैंकों को रिजर्व बैंक के पास रखना अनिवार्य होता है।”

दास ने कहा कि इस निर्णय से बैंकों के पास 1,37,000 करोड़ रुपये की पूंजी आएगी। कोरोना वाय’रस के कार’ण सभी बैंकों और लोन देने वाले संस्थानों को सभी प्रकार के कर्ज की ईएमआई पर तीन महीने तक की छूट दी है। गवर्नर ने कहा कि “आरबीआई की स्थिति पर कड़ी नजर है, नकदी बढ़ाने के लिये हर कदम उठाये जाएंगे।”आरबीआई गवर्नर ने कहा कि “मौद्रिक नीति समिति ने अनिश्चित आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिये आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं जताया।” साथ ही कहा कि “कोरोना वाय’रस महामा’री के कार’ण अर्थ’व्यवस्था पर असर पड़ेगा और उन्होंने वैश्विक मंदी की आंशका जताई है।”