देश में तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच भारत सरकार इसकी रफ्तार कम करने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है। ताकि भारत के लोग जल्द से जल्द वैक्सीनेट हो जाए और कोरोना वायरस उन पर हावी न हो सके। हालांकि लोगों की सोच तो कुछ और ही है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के डर की वजह से बहुत से लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। लोगों का डर खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब कोरोना की वैक्सीन लेने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी और वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को देखा जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि 28 दिनों तक उन लोगों पर नजर रखी जानी चाहिए जो कोरोना की वैक्सीन लगवा रहे हैं। ऐसे में हमें भी इसके कई और साइड इफेक्ट्स के बारे में पता चलेगा और लोगों के मन से डर भी निकल जाएगा। विज्ञान की भाषा में इसे एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। इसके जरिए ये पता लगाया जाता है कि लोगों को किस तरह की परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल सिर्फ 72 घंटों तक ही लोगों पर नजर रखी जाती है।
विभाग के सदस्य डॉक्टर एनके अरोड़ा इस बारे में बातचीत के दौरान बताया कि “अब तक वैक्सीन लेने वाले 7 करोड़ लोगों को मॉनिटर किया गया है। शुरुआती डेटा से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सिर्फ 0.5% लोगों को ही वैक्सीन से कोई गंभीर साइड इफेक्ट हुए।” बता दें कि कई देशों में ये तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर भारत में भी अपनाया जाए तो लोगों में काफी राहत पहुंचेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाने के लिए सामने आएंगे।