खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के राजनयिक रिश्ते बिगड़ गए हैं। भारत की तरफ से अल्टीमेटम देने के बाद कनाडा ने अपने अधिकांश राजनयिक को वापस बुला लिया है।
भारत ने कनाडा से अपने राजनयिक कर्मचारियों को कम करने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया था, जिसके बाद कनाडा ने भारत में काम करने वाले अपने अधिकांश राजनयिकों को कुआलालंपुर या सिंगापुर भेज दिया है। कनाडाई टेलीविजन नेटवर्क सीटीवी न्यूज ने यह जानकारी दी है।
सीटीवी न्यूज की यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कनाडा से अपने मिशनों से कई दर्जन राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था। इसकी वजह थी- कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाना।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया। इस मामले पर कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर आग में घी डालने का काम किया, जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया।
भारत ने इस बात पर जोर दिया था कि कनाडा को अपने राजनयिकों की संख्या को कम करनी चाहिए। भारत ने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा के कुछ राजनयिक उसके आंतरिक मामलों में दखल दे रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों में लगातार गिरावट का संकेत है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत में कनाडा के राजनयिकों की संख्या कनाडा में भारतीय राजनयिकों की संख्या की तुलना में काफी ज्यादा है। इसलिए इसमें कमी लाने की जरूरत है। पीटीआई ने बताया कि भारत में कनाडा के कुल राजनयिकों की संख्या 60 है। भारत चाहता है कि कनाडा अपने राजनयिकों की संख्या को कम करे।