देश को कोरोना से मुक्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा परीक्षण करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ICMR ने भारतीय डाक की मदद ली है, और भारतीय डाक अब घर घर कोरोना टेस्टिंग किट पहुंचाएगा।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(ICMR) ने हर दिन 1 लाख टेस्ट करना का लक्ष्य रखा है,और देश में 1,56,000 डाक घरों के बड़े नेटवर्क से हर घर मे टेस्टिंग किट पहुंचने से यह लक्ष्य आसानी से पूरा होगा।
दरअसल,WHO का मानना है कि,कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए टेस्ट सबसे जरूरी है। वहीं, दूसरी ओर देश में ऐसे भी मरीज मिलने लगे हैं, जिनमें लक्षण नहीं हैं, लेकिन वे कोरोना पॉजिटिव हैं।इन परिस्थितियों में मुसीबत और बढ़ सकती है। ICMR के मुताबिक, भारत में 69 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखे। यानी अब स्वस्थ्य लोगों की भी जांच की जरूरत है।इसलिए, देश मे रोज़ 1 लाख टेस्टिंग का लक्ष्य अहम कदम है।
ICMR के इस फैसले का स्वागत करते हुए संचार व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि,”आईसीएमआर और डाक विभाग के बीच हुए इस समझौते का मैं स्वागत करता हूं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले डाक विभाग लोगों के घर तक पैसा पंहुचाने का काम कर रहे थे. लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों को भोजन और राशन भी पहुंचाने का काम कर रहा है।”
बात दें कि,इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए किस तरीके से प्रक्रिया का पालन किया जाएगा,इस सवाल पर अधिकारियों ने बताया कि,टेस्टिंग किट्स की डिलीवरी की सूचना लैब को रोजाना व्हाट्सएप पर दी जाएगी। और इससे इंडिया पोस्ट कोलकाता, रांची, पटना, जोधपुर, अजमेर, जयपुर, इंफाल और आइजोल सहित अन्य कई जगहों पर डिलीवरी कर चुका है। इन किटों को ड्राई आइस में पैक कर इसकी डिलीवरी की जा रही है।और इसके जाती है सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पूरी तरीके से पालन कर स्थानीय प्रशासन की मदद से यह काम किया जाएगा।
ज्ञात हो कि,देश मे तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा और इसके बाबजूद कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है।भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक संक्रमित लोगो की सँख्या 56 हज़ार से अधिक है, जिसमें 18,86 लोग इस जंग में हार गए और उनकी मृ’त्यु को गयी।वहीं राहत की बात यह है कि,ठीक होने की दर बढ़ रही है और अब तक 16,540 लोग ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं।