यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि वह इस दौरान इस युद्ध को लेकर पीएम मोदी से बातचीत करेंगे। वह जब भारत आए तो उनका स्वागत जोर शोर से किया गया। उनके काफिले का स्वागत ढोल, बांसुरी और तालियों की गड़गड़ाहट से किया गया। जिसको देख वह काफी खुश हो गए। उन्होंने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि “मैंने ऐसा शानदार स्वागत कभी नहीं देखा. मुझे दुनिया में जरूरी नहीं कि ऐसा स्वागत दोबारा मिले।” इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
उनका कहना है कि उनकी भारत यात्रा दोनों देशों के लिए एक बहुत ही बेहतरीन क्षण है, क्योंकि यूके-भारत संबंधों में चीजें कभी भी उतनी अच्छी नहीं रही, जितनी अब हैं। उन्होंने कहा कि “भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से बहुत अलग संबंध हैं, शायद पिछले कुछ दशकों में रूस और यूके के संबंध से भी अलग। हमें उस वास्तविकता को देखना होगा, लेकिन स्पष्ट रूप से मैं इसके बारे में नरेंद्र मोदी से बात करूंगा। भारत पहले ही यूक्रेन का मुद्दा उठा चुका है, जैसा कि आप प्रधानमंत्री मोदी के साथ कल्पना कर सकते हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “अगर आप देखें कि भारतीयों ने क्या कहा है, तो उन्होंने बुचा में अत्याचारों की मजबूती से निंदा की थी। विश्व अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से और इस क्षेत्र की विश्व अर्थव्यवस्था के विकास को देखते हुए ऐसा करना सही है। भारत और ब्रिटेन दोनों दुनिया भर में निरंकुशता के बारे में चिंता साझा करते हैं, हम दोनों लोकतंत्र हैं और हम एक साथ रहना चाहते हैं।”