यूं तो सरकार ने कहा है कि आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। लेकिन देश में इसका असर दिखाई पड़ रहा है। इसी सप्ताह हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने कमज़ोर मांग की वजह से अपने विभिन्न निर्माण कारख़ानों में उत्पादन 16 दिन तक बंद रखने की घोषणा की थी। हिंदुजा से पहले मारुति भी अपने कारख़ानों को कुछ दिनों के लिए बंद रख चुकी है।
अब खबर है, कि शुक्रवार को ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ ने शेयर बाज़ारों में भेजी सूचना में कहा है कि तिमाही के दौरान 3 दिन अतिरिक्त उत्पादन स्थगित रहेगा। कंपनी स्पष्ट किया है कि उसके पास वाहनों का पर्याप्त भंडार है। इसलिए कंपनी प्रबंधन को ऐसा नहीं लगता कि इससे बाजार में उसके वाहनों की उपलब्धता पर कोई असर पड़ने वाला है। साथ ही ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस महीने के अंत में कृषि उपकरण क्षेत्र में भी 1 से 3 दिन तक उत्पादन बंद रखेगी।
मौजूदा तिमाही में अपने वाहन कारख़ानों में 8 से 17 दिन तक उत्पादन बंद रखने की घोषणा की वजह बताते हुए कंपनी ने कहा है कि बिक्री का उत्पादन के साथ समायोजन करने के लिए वह यह क़दम उठा रही है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में 5 फ़ीसदी रह गई है। आर्थिक मंदी पर विपक्षी पार्टियां सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। लेकिन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर इस आर्थिक मंदी से देश को उभारने के लिए सभी दलों को एक साथ होकर प्रयास करने की ज़रूरत है।