शुक्रवार देर रात ब्रिटेन ने यूरोपीय सं’घ से अपना 47 साल पुराना रिश्ता ख’त्म कर दिया। ब्रसेल्स में EU के सं’स्थान से ब्रिटेन का झंडा हटा दिया गया है। इसके साथ ही ब्रिटेन 28 देशों के समू’ह वाले यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाला पहला देश बन गया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे ऐतिहासिक पल करार दिया। ईयू से अलग होने यानी ब्रेक्जिट पर बोरिस जॉनसन ने कहा कि “यह नए युग की शुरुआत है। बहुत से लोगों के लिए यह आशा और उम्मीद का एक है’रानी भरा पल है, जिसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था।”
उन्होंने आगे कहा कि “ब्रिटेन ने EU को छो’ड़ देश को एक असाधा’रण मोड़ दिया है। आइए अब हम सब साथ मिलकर उन सभी मौकों का लाभ उठाएं, जो ब्रेक्जिट लेकर आएगा। अब इससे पूरे ब्रिटेन की क्ष’मता को नया ब’ल मिलेगा।”
खबरों की मानी जाए तो साल 2016 में हुए जनमत सवेर्क्षण में 51.89 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के प’क्ष में वोट किया था। जिसके कार’ण ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों डेविड कैमरन तथा सुश्री थेरेसा मे को इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस प्रस्ता’व को पास किया।
कहा जा रहा है कि इसका फ़ाय’दा भारत को हो सकता है। ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों तथा भारत में विस्ता’र की इच्छुक ब्रिटिश कंपनियों के लिए यह ब्रेग्जिट स्वा’गत योग्य होगा। भारतीय और व्यापारियों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। ये भविष्य के व्यापा’र और मोबिलिटी अरेंजमेंट्स को लेकर स्पष्टता का इंतजार करेंगे।