नई दिल्ली – ट्रीपल तलाक पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया विधेयक- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार रक्षा विधेयक-2019 आज लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक पिछली एनडीए सरकार के दौरान फरवरी में जारी अध्यादेश की जगह लेगा। पिछले महीने 16वीं लोकसभा भंग होने के बाद पिछला विधेयक भी निष्प्रभावी हो गया क्योंकि यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हुआ था।
विधेयक में तलाक-ए-बिद्दत यानी एक ही बार में ट्रीपल तलाक देने के प्रचलन को कानूनन अपराध माना गया है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार रक्षा विधेयक 2019 के अंतर्गत एक बार में ट्रीपल तलाक को अवैध घोषित करने का प्रावधान है जिसके लिए पति को तीन साल की कैद हो सकती है। प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग होने की आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने संबंधित पक्षों की रक्षा के कुछ प्रावधान जोड़े हैं। इनमें सुनवाई के दौरान आरोपी को जमानत देने का प्रावधान भी है।