MSP की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 101 किसानों का जत्था ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर रविवार को दोपहर 12 बजे के बाद दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च फिर से शुरू किया। किसान और पुलिस फिर से आमने-सामने हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा बार बार एनाउंसमेंट के जरिए कहा जा रहा कोई भी सरकारी सम्पत्ति को नुकसान न पहुंचाये और कानून के आदेशों का पालन करें।
हालांकि, कुछ मीटर चलने के बाद उन्हें हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक दिया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से पैदल मार्च निकालने के लिए अनुमति दिखाने को कहा। हरियाणा पुलिस ने पहले किसानों से आगे नहीं बढ़ने को कहा था और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला दिया था।
पुलिस ने किसानों के दिल्ली कूच को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मौके पर तैनात हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हम पहले उनकी (किसानों की) पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने देंगे। हमारे पास 101 किसानों के नामों की सूची है, और ये वे लोग नहीं हैं। वे हमें अपनी पहचान नहीं करने दे रहे हैं। भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे हैं।
हरियाणा प्रशासन व किसानों के बीच चल रही बहस के बीच पीछे से अन्य किसानों व लोगों को आता देख हरियाणा पुलिस द्वारा 4 से 5 गोले लगातार और दागे गए। किसानों के साथ बहस में हरियाणा पुलिस का कहना था कि जो लिस्ट 101 लोगों की हमे सौपी गयी थी उसमें वे किसान यह नहीं हैं ना तो ये किसान पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं और ना ही कोई पहचान पत्र दिखा रहे हैं.