महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से हुई मुलाकात के बाद भाजपा और शिवसेना के एक होने की खबरें सामने आरही थीं। हालांकि इस दौरान शिवसेना के नेता ने इन सभी खबरों को अफवाह करार दिया और बोले के एनसीपी और शिवसेना के बीच सब कुछ सही चल रहा है। जिसके बाद कोई सवाल ही नहीं बनता की पार्टी भाजपा से जा मिले। इस दौरान ऐसे कई बयान सामने आए जिसमें एनसीपी और शिवसेना के बीच सब कुछ सही होने की बात कही गई। लेकिन अब शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) के नेताओं के तीखे बयान सामने आए हैं।
इन बयानों को देखते हुए ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा कि दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ सही है। हाल ही में एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे के बयान से शिवसेना में खलबली मच गई थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का पद एनसीपी प्रमुख शरद पवार की वजह से मिली है। जिसके बाद शिवसेना ने उनको करारा जवाब देते हुए कहा कि आप महा विकास अघाड़ी में जहर घोलने की कोशिश न करें। कोल्हे ने शनिवार को एक कार्यकर्म के दौरान कहा कि “उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री केवल इसलिए है कि उनके पास शरद पवार का आशीर्वाद है।”
उनके इस बयान से भड़के शिवसेना के प्रवक्ता किशोर कान्हेंरे ने कहा कि “एक अभिनेता जो लिखे हुए संवादों का आदी है वह शायद ये बात पूरी तरह से भूल गया है कि वो खुद उद्धव ठाकरे के आशीर्वाद के कारण राजनीति में है। शिवसेना प्रवक्ता ने कहा सत्ता का जो अंगूर आपको मिला है, उसे खट्टा मत करिए।” इस दौरान उन्होंने कोल्हे को मेमोरी टेस्ट कराने का सुझाव दिया।