भारत में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार से कई सवाल उठाए जा रहे हैं। वैक्सीन की कमी के कारण देश के कई वैक्सीनेशन केंद्र बंद हो चुके हैं। इस बीच केंद्र सरकार को कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। जिसमें कोर्ट लगातार केंद्र की नीति जानने में लगा हुआ है। कोर्ट का कहना है कि केंद्र को जल्द से जल्द अपनी वैक्सीनेशन नीति सामने रखनी होगी। इस दौरान राज्य सरकार भी केंद्र से कई मांगें कर रही हैं। खबर है कि केंद्र जुलाई-अगस्त तक एक बड़ा बदलाव कर सकती है।
बता दें कि राज्य सरकारों की मांग है कि केंद्र पहले की तरह ही वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाए। जैसे पहले केंद्र ने खुद वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन खरीदी थी और राज्य सरकारों को दी थी। ठीक वैसे ही अब वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जाना चाहिए। जानकारी के मुताबिक केंद्र जुलाई-अगस्त के बीच इस विचार पर एक्शन ले सकती है। एक बड़े सरकारी अधिकारी का कहना है कि सरकार पुराने मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है। अगर इस फैसले पर अमल हुआ तो केंद्र ही पहले की तरह राज्य सरकारों तक वैक्सीन पहुचाएगी।
सरकारी अधिकारी ने बातचीत के दौरान कहा कि “अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है, लेकिन नौकरशाहों के स्तर पर इसकी बातचीत शुरू हो गई है। केंद्र पहले ही 18-44 आयुवर्ग के लिए वैक्सीन आवंटित करने का फैसला कर चुका है, लेकिन राज्य सरकारों को इसकी कीमत चुकानी होगी, केंद्र को नहीं। बड़ा मुद्दा यह है कि ज्यादातर राज्य 45 साल से ज्यादा की उम्र वालों की तरह ही इन्हें भी मुफ्त में चाहते हैं।” बता दें कि देश में टीकाकरण का तीसरा चरण चल रहा है। जिसमें 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन लगवाई जा रही है। लेकिन वैक्सीन की कमी होने के कारण कई राज्यों में वैक्विनेशन रोक दिया गया है।