कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में देखा जा रहा है। इस वायरस से हर कोई परेशान हैं। खास तौर पर वो लोग जो इसका सामना कर रहे हैं। जीतने भी फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं सभी इस वायरस से काफी ज्यादा परेशान हैं। इस बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बड़ी खबर सामने आई है। खबर के मुताबिक उन्नाव के सरकारी अस्पताल से 16 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस खबर को सुनने के बाद लोगों की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस मुश्किल दौर में भी उनके साथ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गलत रवैया इस्तेमाल करते हैं।
बता दें कि इस्तीफा देने वाले डॉक्टर अलग-अलग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं। उनका कहना है कि इस खतरनाक दौर में भी हम पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी तानाशाही रवैया और हमसे ठीक ढंग से बात नहीं करते। एक डॉक्टर ने कहा कि “जिस तरह से व्यवहार किया जा रहा है, उससे हम परेशान हैं, RT-PCR टेस्ट हो या फिर कोविड वैक्सीनेशन या कोई प्रोग्राम, तत्काल टारगेट दिया जाता है। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से अभद्र व्यवहार किया जाता है।”
वहीं एक दूसरे अधिकारी से बात करने पर पता चला कि यहां हर कोई अपनी मनमानी करता है। उन्होंने कहा कि “चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एसोहा और कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर चौरासी को स्पष्टीकरण का मौका दिए बिना प्रभारी के पद से हटा दिया गया और उन्हें कोविड कमांड रूम में रखा गया, सभी सीएचसी प्रभारी एकतरफा कार्रवाई से पीड़ित हैं।” सीएमओ डॉ. आशुतोष के न मिलने पर डॉक्टरों ने डिप्टी सीएमओ डॉ. तन्मय कक्कड़ को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।