बजट 2019: मध्यम वर्ग के उम्मीदों पर फिरा पानी, इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

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नई दिल्ली – बजट 2019 वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। उम्मीद थी कि इस बार बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में छूट के दायरे को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बजट में आम टैक्स पेयर्स को कोई राहत नहीं दी गई है। 5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए टैक्स स्लैब पहले जैसा ही है।

गौरतलब है कि 1 फरवरी को मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मिडिल क्‍लास को तोहफा देते हुए 5 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्‍स से मुक्‍त कर दिया था।

निर्मला सीतारमण ने भाषण की शुरुआत में कहा कि ईमानदारी से टैक्स देनेवालों को धन्यवाद। उन्होंने आगे कहा कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक हैं, टैक्स के रूप में जिनके मूल्यवान योगदान की वजह से देश का चहुंमुखी विकास हो पा रहा है। उन्होंने अंतरिम बजट में 5 लाख तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वालों को टैक्स से पूरी तरह से राहत देने की घोषणा को दोहराया है। हालांकि, जिनकी सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख से ज्यादा है वे इस छूट के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

वहीं ज्यादा कमाई करने वालों को थोड़ा झटका लगा है। अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों पर 3 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा और साथ ही 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाने पर 7 फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इसके अलावा अगर कोई बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2 फीसदी का टीडीएस लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे।

वहीं इलेक्ट्रिक वीइकल खरीदने पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगी। यह छूट वाहन खरीदने को लिए गए लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की जीएसटी दर में भी कटौती होगी। इसे 12 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत किया जाएगा।

वहीं लोन लेकर 45 लाख रुपये तक कोई घर खरीदता है तो उसे इनकम टैक्स में 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यह छूट उन्हें ही मिलेगी जो होम लोन मार्च 2020 से पहले या उस महीने तक लेंगे।

निर्मणा सीतारमण वित्त मंत्री ने बताया कि 400 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25% कॉरपोरेट टैक्स लगेगा। इससे अब केवल .7 प्रतिशत कंपनियां 25% टैक्स कॉरपोरेट टैक्स के दायरे से बाहर रह गई हैं।