3 जनवरी 2024, हरिद्वार, उत्तराखंड:
एतिहासिक ‘शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा’ के सुन्दर स्वरूप को समाज के सामने रखने वाले ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज द्वारा अपनी सप्तदिवसीय ‘शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा’ में
सबसे पहले हरिद्वार के चण्डीघाट से गंगा पूजा कर शीत यमुनोत्री सुखीमठ, शीत गंगोत्री मुखीमठ, शीत केदार ऊखीमठ और शीत बदरीनाथ जोशीमठ में पूजा करके उद्धव जी और कुबेर जी की पूजा के बाद आज पुनः भगवती भागीरथी गंगा जी की विशेष पूजा और महाआरती सम्पन्न की गई ।
आध्यात्मिक आनन्द से कोई भी वंचित ना रहे ये हमारा प्रमुख उद्देश्य है
एक सवाल का उत्तर देते हुए शंकराचार्य जी महाराज ने बताया कि शीतकाल में सभी तीर्थस्थलों की ऊर्जा बडी अद्भुत रहती है और आनन्द भी बहुत प्राप्त होता है इस आनन्द को प्रत्येक आस्तिक सनातनी प्राप्त करें इसलिए हमने ये यात्रा की है। जब लोग इन स्थानों पर जाएंगे तो निश्चित ही स्थानीय लोगों का भौतिक विकास अवश्य होगा । लोगों को रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे।
सरकार शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा के लिए बुकिंग शुरु करे
शंकराचार्य जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस यात्रा के विषय निरन्तर चर्चा बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि सब लोग जान सकें, उन्होने पुरोहितों , हकहकूकधारियों तथा समस्त संबन्धितों से अनुरोध किया है कि सब लोग इस यात्रा को जन जन तक पहुंचाने के लिए इसका प्रचार प्रसार करें साथ ही उत्तराखंड सरकार जैसे ग्रीष्मकालीन यात्राओं की बुकिंग करती है उसी तरह शीतकालीन यात्राओं के विस्तार के लिए बुकिंग आरंभ कर दे ।
चारों धाम के प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे गंगा पूजा में
ऐतिहासिक ‘शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा’ समापन के अवसर पर शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित गंगा पूजन में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के प्रतिनिधि सर्वश्री सहजानन्द ब्रह्मचारी , दयानन्द ब्रह्मचारी, राधिकानन्द ब्रह्मचारी, केशवानन्द ब्रह्मचारी, ज्योतिर्मठ के धर्माधिकारी जगदम्बाप्रसाद सती , ज्योतिर्मठ मीडिया प्रभारी डा बृजेश सती, केन्द्रीय धार्मिक डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी , गंगोत्री मन्दिर सचिव सुरेश सेमवाल , लक्ष्मी बडवा दिनेश डिमरी , नरेशानन्द नौटियाल, दिनकर बाबुलकर, यमुनोत्री से पवन उनियाल, अनिरुद्ध उनियाल, ब्रह्मकपाल से उमेशचन्द्र सती , शिवानन्द उनियाल , रमेश पाण्डेय, सुशीला भण्डारी, अधीर कौशिक, पवन शास्त्री, चतुर्भुजाचार्य , पवन पाठक , मोहित डिमरी , यशपाल राणा आदि उपस्थित रहे ।