वोटर तय करेंगे शर्मिला पत्नी बनेंगी या राजनेता

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इंफाल। इरोम शर्मिला ने 16 साल लंबी चली अपनी भूख हड़ताल खत्म करते हुए राजनीति में कदम रखने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा है कि वह आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स ऐक्ट के खिलाफ संघर्ष जारी रखते हुए वह मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं।
इसके लिए वह अगले साल मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव में खड़ी होंगी। शर्मिला ने बुधवार को मीडिया को बताया कि अगर लोगों ने उन्हें चुनाव में नकार दिया, तभी वह शादी करेंगी। शर्मिला ने बताया कि वह एक स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर मौजूदा मुख्यमंत्री ओकराम सिंह की विधानसभा सीट थाउबल से चुनाव लड़ेंगी।
अफस्पा के खिलाफ पिछले 16 सालों से संघर्ष कर रही शर्मिला ने कहा कि निजी शादीशुदा जिंदगी शुरू करने के लिए मैंने एक शर्त रखी है। अगर जनता ने मेरी योजना को नकार देती है, या मेरा अपमान करती है या मुझे छोड़ देती है, तो ही मैं अपनी जिंदगी का नया अध्याय शुरू करूंगी।
गौरतलब है कि भूख हड़ताल खत्म करने के कारणर शर्मिला को मणिपुर में लोगों का सकारात्मक रुख नहीं मिल रहा है। जिस इलाके में उनका घर है, वहां भी लोगों ने भी उनके घर लौटने पर कोई गर्मजोशी नहीं दिखाई। बताया जा रहा है कि स्‍थानीय इस्‍कॉन मंदिर में भी उन्‍हें रहने के लिए जगह नहीं मिली।
आखिरकार उन्‍हें वापस अस्पताल के उसी कमरे में लौटना पड़ा, जहां वह पिछले 16 साल से रह रही थीं। मणिपुर में कई लोगों का मानना है कि शर्मिला ने अफस्‍पा हटाने के संघर्ष से हाथ खींच लिए हैं। इस तरह बीच में ही संघर्ष छोड़कर शर्मिला ने गलत किया है।