भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए हैं। जिसके चलते अब किसान एक और बड़ा कदम उठाने को तैयार हैं। गौरतलब हैं कि आज यानी 26 जून को दिल्ली के बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों को पूरे 7 महीने हो गए हैं। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) ने देशभर में राजभवन मार्च (Raj Bhawan March) की घोषणा कर दी है। बताया जा रहा है कि किसानों की इस मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है और राजभवन के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी है।
जानकारी के मुताबिक किसानों कर इस विरोध मार्च को “खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस” का नाम दिया गया है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का भी बयान सामने आया है। जिसमें उनका कहना है कि “हम दिल्ली एलजी के आवास पर ट्रैक्टर लेकर नहीं जाएंगे।” हम लोगों को उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा मिलने का समय दिया गया है। हम उनसे मुलाकात करेंगे। यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी एक बयान दिया।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि “केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान शनिवार को विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग करेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के सात महीने पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित ये ज्ञापन दिए जाएंगे।” इस दौरान किसानों के विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए डीएमआरसी ने भी शुक्रवार रात को एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने चार घंटे के लिए तीन मुख्य स्टेशन बंद रखने की बात कही है।