उत्तराखंड: आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी परीक्षा पर क्यों उठे सवाल, यहां पढ़ें पूरा सच

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देहरादून: आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी भर्ती को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया में सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री की बेटी के लिखित परीक्षा में 13 नंबर होने पर उनका सलेक्शन कैसे किया गया? इस बात के सामने आते ही सरकार पर सवाल उठाए जा ने लगे। इतना ही नहीं परीक्षा में धांधली की बातें भी कही जा रही हैं। लेकिन, इसका सच कुछ और ही है।

कोई गड़बड़ी नहीं हुई
परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को कहना है कि परीक्षा में किसी तरह की की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इस मामले में बेवहज सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ लोग बेवजह परीक्षा को सवालों के घेरे में लाने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि परीक्षा पर वो लोग सवाल उठा रहे हैं, जिनका चयन नहीं हो पाया है।

ये है चयन प्रक्रिया
परीक्षा का विज्ञापन जारी होने के साथ ही विज्ञप्ति में साफ किया गया था कि लिखित परीक्षा (स्क्रीनिंग परीक्षा) उसी स्थिति में कराई जाएगी, जब 1500 अधिक आवेदन प्राप्त होंगे। यह भी उल्लेख किया गया है कि स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक परिक्षा के अन्तिम परिणाम में नहीं जोड़ी जाएंगे। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के पद पर चयन के लिए यह भी शर्त रखी गई थी कि साक्षात्कार के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा में शामिल कुल अभ्यर्थियों में से निर्धारित पदों के सापेक्ष तीन गुना अभ्यर्थियों को ही  शामिल किया जाएगा।

ऐसे हुआ चयन
जहां तक पूर्व मंत्री की बेटी के चयन का सवाल है। उसके पीछे सबसे बड़ी वजह उनका एकेडमिक रिकॉर्ड और अनुभव की सबसे अहम भूमिका है। चयन के लिए 100 नंबर का साक्षात्कार रखा गया था, जिसमें से 10 नंबर का वेटेज PG, 10 नंबर UG (55 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले), अधिकतम 20 नंबर सरकारी संस्थानों में संविदा के लिए और 60 प्रतिशत साक्षात्कार पैनल के सवालों के जवाब के आधार पर नंबर दिए जाने थे।

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छंटनी के लिए थी स्क्रीनिंग
स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद परिणाम सामने आए, जिसमें SC के अभ्यर्थियों की मैरीट 12.5 थी। जबकि, पूर्व मंत्री की बेटी के 13 नंबर थे। जैसा की विज्ञप्ति में पहले ही साफ किया जा चुका है कि स्क्रीनिंग परीक्षा केवल छंटनी के लिए थी। अंतिम परिण मे इन नंबर शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में धांधली का सवाल ही पूरी तरह से गलत है। चयन प्रक्रिया के अनुसार ही अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस तरह से वो लोग सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं, जिनका चयन नहीं हो पाया है।

अनुभव वालों को मिला लाभ
चयन के लिए विज्ञप्ति में पहले से ही यह साफ किया गया था कि चयन साक्षात्कार के आधार पर ही होगा। ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा में अधिक नंबर हासिल करना परीक्षा पर सवाल उठाने का आधार नहीं हो सकता है। अधिकांश उन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनके पास अच्छा अनुभव था।