जोशीमठ : अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि जोशीमठ का भविष्य क्या होगा। जोशीमठ को लेकर सरकार को अब तक कोई बड़ा प्लान भी सामने नहीं आया है। हालांकि, लोगों के लिए प्री-फेब्रीकेटेड हट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। होटलों को तोड़े जाने का काम भी जारी है। वहीं, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन भी अब तक जारी है। साथ ही आपदा प्रभावितों के लिए HDRI के पास उद्यान विभाग की भूमि पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रूड़की के सहयोग प्री-फेब्रीकेटेड भवनों को निर्माण शुरू कर दिया गया है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि यहां वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्री-फ्रेब्रिकेटेड पांच भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा ढाक गांव में 10 हेक्टेयर भूमि पर मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड घरों के निर्माण के लिए भूमि का चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्थाओं पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यह एक निजी कंपनी की ओर से 100 वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई दूसरी कंपनियों ने भी इसमें रूचि दिखाई है, जो अपने निजी खर्च पर ऐसे भवन बनाकर देना चाहती है। इनमें आगे की बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक 15 भवन सीबीआरआई और 100 भवन एक निजी कंपनी की ओर से बनाए जाने हैं।