उत्तराखंड से सामने आई बड़ी खबर, कोरोना से संक्रमित होकर सुंदरलाल बहुगुणा ने तोड़ा दम, पिछले कई दिनों से…

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भारत में पूरी तरह अपनी पकड़ मजबूत करली है। ऐसे में संक्रमित मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही हर रोज इस वायरस से हुई मौतों का भी आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पूरे देश में अब तक 2.91 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित होकर मर चुके हैं। जिसमें कई बड़े लोग भी शुमार हैं। कोरोना की दूसरी लहर से कई दिग्गज नेताओं ने भी अपनी जान गवां दी। इस बीच अब उत्तराखंड से भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक चिपको आंदोलन के प्रणेता और प्रख्‍यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का भी कोरोना से निधन हो गया है।

तबीयत बिगड़ने के बाद उनको 8 मई को ऋषिकेश में स्थित एम्‍स में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया और आज उनका निधन हो गया। इस बीच उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उनकी मौत पर शोक व्‍यक्‍त किया। उन्होंने कहा कि “पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और रियासतों में जनता को उनका हक दिलाने वाले श्री बहुगुणा जी के प्रयास को सदैव याद राखा जाएगा।”

अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए उन्होंने अपना दुख जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि “चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला है। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित है. यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पर्यावरण संरक्षण के मैदान में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।” बता दें कि कोरोना के साथ साथ वह कई और बीमारियों की भी जूझ रहे थे।