उत्तराखंड में वर्ष 2015-16 में सामान्य से 75 प्रतिशत कम बारिश होने पर रबी की फसलों का उत्पादन प्रभावित हुआ था। सूखे से कृषि/बागवानी फसलों को हुई का क्षति का आंकलन करने के लिए फरवरी, मार्च, अप्रैल में केंद्र सरकार की टीमों को आना था।
केंद्रीय टीमें तब तो नहीं आईं, लेकिन अब जबकि मानसून सीजन का अंतिम पड़ाव चल रहा है, पहाड़ों में बारिश ने खूब तबाही मचाई है, कई हेक्टेयर कृषि भूमि आपदा की भेंट चढ़ चुकी है, तब केंद्रीय टीम सूखे के हालातों का जायजा लेने पहुंची है।
24 अगस्त को केंद्र सरकार के अधिकारी जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां से देहरादून रवाना हुए। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा की ओर से उत्तराखंड के कृषि निदेशालय को 22 अगस्त को टीमों के दौरों के संबंध में पत्र भेजा गया था।
केंद्र सरकार की तीन टीमें प्रदेश में रबी 2015-16 के सूखाग्रस्त इलाकों का 25 अगस्त से दौरा करेगी। तीन टीमों के प्रदेश भ्रमण के दौरान उनके मार्ग-निर्देशन एवं आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।
नीति आयोग के एडवाइजर जेपी मिश्रा के नेतृत्व में पहली टीम का गठन किया गया है। टीम के मार्ग-निर्देशन के लिए अपर कृषि निदेशक गढ़वाल मंडल डा. परमाराम और संयुक्त कृषि निदेशक जैविक डा. अजय कुमार वर्मा की तैनाती की गई है। यह टीम बुधवार को नई दिल्ली से देहरादून पहुंच चुकी है। टीम 25 अगस्त को गढ़वाल मंडल के सूखाग्रस्त जनपदों का भ्रमण करेगी।
डा. आरबी सिन्हा संयुक्त सचिव (आईएमसीटी) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नेतृत्व में दूसरी टीम का गठन किया गया है। टीम में उत्तराखंड से मुख्य कृषि अधिकारी ऊधमसिंह नगर पीके सिंह और मुख्य कृषि अधिकारी नैनीताल धनपत कुमार की तैनाती की गई है। टीम बुधवार को नैनीताल पहुंच चुकी है। 25 अगस्त को टीम नैनीताल और अल्मोड़ा जिले के सूखाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगी।
विजय ठाकरे शस्य वैज्ञानिक (चारा) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के नेतृत्व में तीसरी टीम गठित की गई है। टीम के सहयोग के लिए उत्तराखंड से डा. अभय कुमार सक्सेना मुख्य कृषि अधिकारी पिथौरागढ़ और रामलाल प्रभारी मुख्य कृषि अधिकारी चंपावत को तैनात किया गया है। टीम बुधवार को हल्द्वानी पहुंच चुकी है। 25 अगस्त को टीम चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में जाएगी।