देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती घोटालों की जांच ने राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाया है। एक के बाद एक कई भर्ती घोटाले सामने आए हैं। सीएम धामी ने लगातार एक्शन लिए और एसटीएफ ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, कुछ भर्तियों की अब जांच भी शुरू हो गई है।
माना जा रहा है कि पार्टी विधानसभा भर्ती घोटाले में सख्त कदम उठा सकती है। अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी बिल्कुल भी हल्के में नहीं ले रही है। अगर रुख सख्त हुआ तो अग्रवाल की कुर्सी पर भी संकट हा सकता है।
हालांकि, इसको लेकर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन तय मानिए कि भाजपा आलाकमान पार्टी पर उठ रहे सवालों को लेकर बहुत अधिक गंभीर है। पार्टी के नेता यह बयान तक दे चुके हैं कि किसी की गलती के वजह से पार्टी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। इससे संदेश साफ है कि पार्टी किस तरह से गंभीर है।
इस बीच विधानसभा भर्ती घोटाले का मामला सामने आया। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही सरकारों में अपने को खूब नौकरियां बांटी गई। लेकिन, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के एक बयान ने भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी दीं। मीडिया को धमकाने के अंदाज में कहा था कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई और ना जांच की जरूरत है। इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कह दिया था कि यह कोई नई बात नहीं है। पहले ही ऐसा होता रहा है।
जानकारी के अनुसार उनके इस बयान को पार्टी ने बहुत गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि उनको दिल्ली तलब किया गया है। जानकारों की मानें तो भाजपा आला कमान इस मामले में कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है। भाजपा किसी भी तरह से अपनी छवि को नुकसान नहीं होने देना चाहती है। खासकर ऐसे वक्त में जब पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों जुटी हो।