उत्तर प्रदेश में अगली साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अफरा तफरी शुरू हो चुकी है। सभी पार्टियां चुनावी मैदान में अपनी उम्मीदवार उतरने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच भाजपा के लिए एक नई मुसीबत सामने आ गई है। हालांकि हमेशा ही चुनाव से पहले पार्टियों पर मुसीबत का पहाड़ टूटता है। लेकिन इस समय ये मुसीबत भाजपा को काफी ज्यादा परेशानी में डाल देगी। बता दें कि भाजपा के सहयोगियों ने भी उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए सीटों की मांग करदी है। बताया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के लिए 200 सीटों की बात सामने रखी है। नीतीश का कहना है कि उत्तर प्रदेश में जेडीयू 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
वहीं दूसरी ओर खबर सामने आई है कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने यूपी चुनाव में सात से आठ सीटों की मांग की है। ऐसे में भाजपा का अपने सहयोगियों को मनाना काफी मुश्किल सा लग रहा है। जेडीयू के उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने एक बयान में कहा है कि अभी सिर्फ 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। लेकिन फाइनल डिसीजन चुनाव के समय ही होगा और इसका फैसला भी पार्टी ही करेगी।
इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले का बयान में सामने आया है। उन्होंने कहा है कि “मैंने बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से मुलाक़ात की है। हमने बीजेपी में 8-10 सीट मांगी हैं और बीजेपी को इससे फ़ायदा होगा। हमने प्रस्ताव रखा है इस पर बीजेपी ज़रूर विचार करेगी।” इसके अलावा बात करे विपक्ष की तो इस बार उत्तर प्रदेश में AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बार चुनावी मैदान में अकेले उतरने का फैसला किया है।