वुहान लैब में स्टाफ रहीं वैज्ञानिक डेनियल एंडरसन ने किए बड़े खुलासे, बोली “यहां सिर से पैर तक…”

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चीन के वुहान में पैदा हुआ कोरोना वायरस दुनिया भर में तबाही मचा रहा है। दिसंबर साल 2019 में चीन में दुनिया का सबसे पहला कोरोना का मामला सामने आया जिसके बाद से अब तक कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है। मामले की पुष्टि होने के बाद से ही चीन की वुहान लैब (Wuhan Institute of Virology) विवादों में आ गई है। इस लैब में काम कर चुकीं ऑस्ट्रेलियाई वायरोलॉजिस्ट डेनियल एंडरसन ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि चीन में कोरोना के मामले की पुष्टि होने से कुछ समय पहले तक वह लैब में काम कर रही थीं।

उन्होंने अपने दिए गए बयान में कहा कि इस लैब में वैज्ञानिक सिर से पैर तक सेफ्टी गियर में रिसर्च करते थे। गौरतलब हैं कि वह एकमात्र विदेशी वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल -4 लैब में रिसर्च किया है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “आधे सच और मैन्यूपुलेटिव इंफोर्मेशन ने लैब के काम के सटीक जानकारी को अस्पष्ट कर दिया है। ऐसा नहीं है कि यह उबाऊ था, लेकिन यह एक नियमित प्रयोगशाला थी जो किसी अन्य उच्च-नियंत्रण प्रयोगशाला की तरह ही काम करती थी।” उनकी रिसर्च के बारे में बात की जाए तो उनकी रिसर्च इस बात पर केंद्रित है कि इबोला और निपाह जैसे घातक वायरस चमगादड़ों में कोई बीमारी क्यों नहीं पैदा करते हैं।
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उनके दिए गए इंटरव्यू के मुताबिक वुहान में इबोला पर रिसर्च करना उनके लिए बड़ी जिम्मेदारी थी। उन्होंने बताया कि यहां लैब हाईटेक बायोकंटेनमेंट थी। लैब में हवा, पानी और कचरे को फ़िल्टर करने के लिए बेहतर व्यवस्था दी गई थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि लैब में उनके सामने अभी तक कोई भी बीमार नहीं हुआ। एंडरसन ने कहा कि “मेरी जानकारी में 2019 के अंत तक वुहान लैब में कोई बीमार नहीं हुआ। वायरस से संक्रमित होने के लक्षणों की रिपोर्ट करने की एक प्रक्रिया है। हाई रिस्क वाले लैब में समान रूप से इनका पालन किया जाता है।”

वह कहती हैं कि “अगर लोग बीमार होते, तो मुझे लगता है कि मैं भी बीमार होती। मगर मैं बिल्कुल ठीक थी। मुझे वैक्सीनेशन से पहले सिंगापुर में कोरोना का टेस्ट करना पड़ा था। अगर मैं इंफेक्टेड होती तो रिपोर्ट में जरूर आता।” उन्होंने बताया कि दिसंबर की आखिर में उनके कई सहयोगी भी एक सेमिनार के लिए सिंगापुर आए थे। यहां इन सबका भी कोरोना टेस्ट हुआ था। लेकिन इनमें से भी किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी।