जिस उत्तर प्रदेश में 'रेप वीडियो' 50 रु में बिक रहे हों वहां बलात्कार कैसे रुकेंगे?

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बुलंदशहर गैंगरेप की घटना पर मचे बवाल के बीच यह एक और झकझोरने वाली खबर है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में बलात्कार की वीडियो क्लिपिंग या रेप वीडियो की बिक्री फलता-फूलता धंधा है. रिपोर्ट के मुताबिक 30 सेकेंड से लेकर पांच मिनट तक के वीडियो की कीमत 50 से 150 रु तक हो सकती है जो इस पर निर्भर करती है कि वह कितना ‘एक्सक्लूसिव’ है.
रिपोर्ट के मुताबिक अभी ये वीडियो चोरी-छिपे ही बेचे जाते हैं. दुकानदार सिर्फ उन्हीं को ये देते हैं जो किसी भरोसे के आदमी का नाम लेकर इन्हें मांगते हैं. आगरा के नजदीक बसे एक कस्बे कासगंज में एक दुकानदार का कहना है, ‘पोर्न तो पुरानी बात हो गई. आजकल ऐसे रियल लाइफ क्राइम की डिमांड है.’ डीलर ये वीडियो सीधे फोन में डाउनलोड कर देते हैं या फिर पेन ड्राइव में कॉपी करके भी दे देते हैं.
इन वीडियो के स्रोत कई तरह के हो सकते हैं. कभी कोई व्यक्ति या गैंग इन्हें ट्विटर, टंबलर या फेसबुक जैसी साइटों से डाउनलोड करके बेच देता है. बलात्कार में शामिल लोग भी वीडियो शूट कर लेते हैं. हालांकि इसका मकसद जरूरी नहीं कि इसे बेचना ही हो. पुलिस के मुताबिक इसके जरिये कई बार पीड़ित को धमकाया जाता है कि वह अपना मुंह न खोले. कई बार ऐसे वीडियो के बल पर पीड़ित का आगे भी शोषण किया जाता है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कहते हैं, ‘रेप वीडियो ऑनलाइन पोस्ट कर देने की धमकी बहुत असर करती है.’
पुलिस के मुताबिक इस ट्रेंड को खत्म करना लगभग असंभव है. आगरा के सिटी एसपी जी सुशील चंद्रभान कहते हैं, ‘अतीत में हमने ताजगंज और सदर जैसे इलाकों में छापे मारे हैं और अश्लील वीडियो और पाइरेटेड फिल्में बेचने के लिए एक शख्स को गिरफ्तार किया है. हम इन इलाकों में छापे मारना जारी रखेंगे.’
आगरा हो या मेरठ या फिर बरेली. उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों में यही हाल है. बरेली में बीते हफ्ते ही 21 साल की एक लड़की ने तब खुदकुशी कर ली थी जब उसे पता चला था कि उसके बलात्कार का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करने के बाद एक आरोपित ने उसकी नग्न तस्वीरें भी स्थानीय बाजार में तीन रु प्रति प्रिंट के हिसाब से बेची थीं.