आम जनता और सरकार के लिए फायदेमंद माना जाने वाला जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में निर्विरोध पास हो गया है. बुधवार को सरकार ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया. आठ घंटे की लंबी चर्चा के बाद शाम को इस पर वोटिंग शुरू हुई जिसमें बिल के समर्थन में 203 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा. इस बिल का विरोध कर रहे एआईएडीएमके सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और सदन से वाक्आउट कर दिया. बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर सभी दलों और उनके सदस्यों को धन्यवाद दिया है.
इससे पहले राज्य सभा में इस बिल की प्रबल विरोधी कांग्रेस ने इसे अपनी कुछ शर्तों पर समर्थन दिया. बुधवार को बहस के दौरान कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से यह भरोसा मांगा कि संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार जीएसटी विधेयक को धन विधेयक के रूप में पेश करके पिछले दरवाज़े से पास नहीं कराएगी.
संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद सरकार को दोनों सदनों में मूल जीएसटी बिल पेश करना होगा. लेकिन अगर सरकार उस बिल को धन विधेयक के रूप में लाती है तो फिर उसे राज्यसभा से पास कराने की बाध्यता नहीं रह जाएगी, जहां विपक्ष बहुमत में है. हालांकि कुछ जानकारों के मुताबिक कांग्रेस की यह बात समझ से परे है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 110 में कहा गया है कि यदि किसी विधेयक में करों से संबंधित कोई बदलाव किया जाता है तो उसे धन विधेयक ही माना जाएगा.