देश में कोरोना वायरस का कहर जैसे तैसे थोड़ा कम हुआ है। लेकिन अब भी इसका खतरा बरकरार है। जिसको देखते हुए भारत सरकार लोगों का टीकाकरण करवाने की कोशिशों में लगातार जुटी हुई है। जानकारी के मुताबिक देश ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पूरा किया था। भारत ने सिर्फ 10 महीने में असंभव को संभव कर दिखाया। करीब 130 करोड़ की आबादी में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ वैक्सीनेशन का डोज का आंकड़ा देश के लिए बेहतरीन उपलब्धि है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक भारत ने 106 करोड़ से ज्यादा डोज का आंकड़ा भी पार कर लिया है और तेज़ी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता जा रहा है।
भारत की इस बड़ी कमियाबी ने दुनिया भर के सभी देशों को हैरान कर दिया है। भले ही देश में कोरोना से बचाव के लिए लगाई जाने वाली वैक्सीन 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई हो लेकिन देशवासियों के ऊपर से अभी भी इस संकट का खतरा कम नहीं हुआ है। इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि खुद देशवासी ही हैं। जानकारी के मुताबिक भारत में अभी भी करीब 10 करोड़ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पहली डोज के बाद तय समय पर दूसरी वैक्सीन डोज (Corona Vaccine Dose) नहीं ली है। जो दूसरे देशवासियों के लिए भी खतरा है।
इस परेशानी को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि कुछ जिले ऐसे हैं, जहां वैक्सीनेशन का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया है। जिसको देखते हुए पीएम मोदी खुद 3 नवंबर को इन जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। गौरतलब हैं कि फिलहाल पीएम मोदी इटली दौरे पर हैं। इटली दौरा खत्म करने के बाद वह इस कार्य को अंजाम देंगे। बता दें कि भारत की तारीफ पूरी दुनिया में की जा रही है। भारत ने कोरोना वायरस जैसे मुश्किल दौर में भी दूसरे देशों की हर संभव मदद की। देश में बनाई गई कोरोना की वैक्सीन दूसरे देशों को देकर पीएम मोदी ने देश को और भी ज्यादा तारीफों के काबिल कर दिया।