सुशांत सिंह सुसा’इड केस को लेकर सभी काफी परे’शान है। अभी तक इस मामले में कोई खास सबूत हाथ नहीं लगा है। ऐसे में लोगों की मांग है कि इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए। खबर के मुताबिक इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को केंद्र से सीबीआई जां’च की सिफारिश की थी। जिसके बाद अब खबर है कि केंद्र ने उनकी इस सिफारिश को मान लिया है और अब इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है। बता दें कि सीबीआई जां’च के लिए दाखिल की गई इस याचिका पर बुधवार को सुप्रीम को’र्ट में सुनवाई हो रही थी और इस दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि केंद्र ने सीबीआई जां’च की सिफारिश मान ली है और इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है।
एसजी मेहता ने अपने बयान में कहा कि “इस याचिका में कुछ बचता नहीं है क्योंकि जां’च सीबीआई को ट्रांसफर हो चुकी है। एक पक्ष चाहता है कि बिहार पु’लिस जां’च करें, वहीं एक पक्ष चाहता है कि मुंबई पु’लिस करें ऐसे में केंद्र खुद ही जां’च करेगा ताकि कोई सबूत न’ष्ट न हो।” मुंबई पु’लिस द्वारा चल रही जां’च पर उन्होंने कहा कि “अब CBI को इस मामले की जां’च सौप दी गई है लिहाजा अब महाराष्ट्र पु’लिस कुछ न करे क्योंकि वो सबूतों को न’ष्ट करने के दायरे में आएगा।” इस मामले में सुप्रीम को’र्ट में मौजूद वकील विकास सिंह ने बोला कि “सुशांत के पिता यह चाहते है इस पूरे मामले को सीबीआई को दिया जाना चाहिए। बिहार पु’लिस मुंबई जां’च के लिए गई, जहां एक अधिकारी को क्वारंटा’इन कर दिया गया। ऐसे में मुंबई पु’लिस के जरिए न्या’य मिलने कि उम्मीद कम है।”
सुशांत के पिता के के सिंह के वकील विकास ने अदालत में कहा कि “अदालत इस मामले में मुंबई पु’लिस को, बिहार पु’लिस का सहयोग करने का निर्देश जारी करे। मौ’त के कारणों की जां’च होनी चाहिए। अफसर को क्वा’रंटीन केवल सबूतों को न’ष्ट करने के लिए है।” साथ ही उन्होंने आरो’प लगाया कि “जिस व्यक्ति ने एक्टर के शरीर को नीचे उतारा था (फां’सी से) उसे मुंबई पु’लिस ने हैदराबाद जाने की अनुमति दे दी।” बता दें कि सुशांत के परिवार की ओर से एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के खिला’फ केस दर्ज कराया गया है। ऐसे में को’र्ट में उनका पक्ष वकील श्याम दीवान ले रहे है। उन्होंने को’र्ट में कहा कि “एसजी कि तरफ से जो कहा गया यहां वह मामला नहीं है, ऐसे में अदालत रिया कि याचिका पर गौर करे। एफआईआर ज्यूरिसडिक्शन के मुताबिक नहीं है ऐसे में अदालत पूरे मामले पर रोक लगाए। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि “बिहार पु’लिस मुंबई पहुंची और खुद जाकर पूछताछ करने लगी। यह उनके क्षेत्राधिकार में यह नहीं आता, जबकि मुंबई पु’लिस पहले से पूरी कार्रवाई कर रही है।”
वहीं दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि “राजपूत एक प्रतिभाशाली कलाकार थे, जिनका निधन असा’मान्य परिस्थितियों में हुआ था। अब चाहे इसमें अप’राध शामिल हों, इसकी जां’च की जानी चाहिए। उच्च प्रोफ़ाइल मामलों के बारे में सभी की राय है लेकिन हम का’नून के अनुसार आगे बढ़ेंगे। इस तरह के मामले में बहुत ही दु’र्भाग्य’पूर्ण स्थिति होती है। यहां मूल मुद्दा क्षेत्राधिकार का है।” साथ ही साथ को’र्ट ने कहा कि “को’र्ट जानना चाहता है कि मुंबई पु’लिस ने इस मामले में अब तक क्या-क्या किया है। सीबीआई जांच को लेकर महाराष्ट्र सरकार जवाब दे। हम तय करेंगे कि मामले की जां’च कौन करेगा।”
इसके ऊपर महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि “यह पूरी तरह से राजनीतिक मामला बन चुका है। मुबंई पु’लिस की जां’च के दौरान बिहार पु’लिस जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद खुद जां’च करने लगी। यह उचित नहीं। सुप्रीम को’र्ट इस मामले में कानून के मुताबिक फैसला ले।” साथ ही उन्होंने कहा कि “एक मामले की दो राज्य कि पु’लिस जां’च नहीं कर सकतीं। कानून के मुताबिक मुंबई पु’लिस जां’च कर रही है जिसे जारी रहने दिया जाए। राजनीतिक रंग देकर लगाए जा रहे आरो’प बिल्कुल गलत हैं।”