मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार मिलने का मामला अब और भी पेचीदा होता जा रहा है। इस मामले में एन.आई.ए. गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के साथ मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह और अंबानी प्रकरण में शामिल अन्य संदिग्ध पुलिसकर्मियों का ठाकरे के साथ लिंक निकालने की जांच में व्यस्त है। खबर है कि परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया। इस पत्र में लिखा था कि गृह मंत्री देशमुख ने हर महीने 100 करोड़ रुपये की डिमांड रखी थी।
हालांकि परमबीर सिंह के आरोपों को अनिल देशमुख ने खारिज कर दिया है और मानहानी का केस दायर करने की भी बात कही है। ऐसे में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के दिए एक बयान से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वो भी अनिल देशमुख के साथ हैं। राजधानी दिल्ली में इस बाबत आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में परमबीर सिंह की चिट्ठी के पीछे के मंतव्य पर सवाल खड़े करते हुए शरद पवार ने कहा कि “परमबीर सिंह की इस चिट्ठी में एक मंत्री के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। ये आरोप गंभीर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं।”
इस दौरान उन्होंने सवाल खड़ा किया कि परमबीर सिंह के ऊपर एक्शन लेने के बाद ही ये चिट्ठी क्यों लिखी गई.? उन्होंने कहा कि “इस चिट्ठी में इस बात का कोई जिक्र नहीं कि पैसे कहां से इकट्ठा किए गए और यह पैसे कभी (मंत्री को) ट्रांसफर भी किए गए। इस चिट्ठी में जानकारी नहीं दी गई है कि वाकई में पैसे इकट्ठा किए गए।” इस दौरान महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी परमबीर सिंह पर आरोप लगाते हुए शनिवार को पत्र की जांच कराने की मांग की।