सत्येंद्र जैन को 6 हफ्तों के लिए मिली जमानत, एक साल बाद जेल से आएंगे बाहर

0
38

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत मिल गई है. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 6 हफ्तों के लिए जमानत दी है. हाल ही में सत्येंद्र जैन के वकील ने उनकी खराब तबीयत के बारे में कोर्ट को बताया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सत्येन्द्र जैन दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जा सकेंगे. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैन जमानत की अवधि के दौरान किसी गवाह से नहीं मिलेंगे. बिना कोर्ट की अनुमति से वह दिल्ली नहीं छोड़ेंगे. ज़मानत के दौरान वह मीडिया से भी बात नहीं कर सकेंगे. वहीं, इलाज का दस्तावेज़ भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करना होगा. कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 11 जुलाई 2023 तक अंतरिम जमानत दी है.

मामले की सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंहवी ने पैरवी की. उन्होंने कोर्ट से कहा कि आज वह सिर्फ मेडिकल ग्राउंड पर बात करेंगे. सत्येन्द्र एक साल से जेल में हैं. उनका वजन काफी कम हो गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से देरी किया जा रहा है. सिंघवी ने कहा कि जैन की हालत देखें, वह कहां भागेंगे. उनके शरीर का वजन 35 किलो वजन कम हो गया है.

सत्येंद्र जैन को शुक्रवार को तबीयत खराब होने पर दीन दयाल उपाध्याय (DDU) अस्पताल में एडमिट कराया गया था. इसके बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा था. इसके बाद उन्हें एलएनजेपी हॉस्पिटल बेहतर इलाज के लिए शिफ्ट कर दिया गया था. ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में अरेस्ट किया गया था. जैन की गिरफ्तारी 30 मई 2022 को हुई थी.

सत्येंद्र के वकील की मानें तो वह काफी बीमार चल रहे हैं. उन्हें डिप्रेशन सहित कई बीमारियों ने जकड़ रखा है. इस वजह से उनका शरीर भी कमजोर हो गया है. इस बीच खबर आई थी कि सत्येंद्र जैन बाथरूम में अचानक ही गिर गए थे, जिसकी वजह से उनके रीढ़ की हड्डियों में गंभीर चोटें आई थीं. इस वजह से उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था.

इससे पहले सत्येंद्र जैन ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने गुजारिश की थी कि उनके सेल में दो-तीन कैदियों को आने दिया जाए. सत्येंद्र जैन ने अपने पत्र में लिखा था कि वह अकेला महसूस कर रहे हैं. उनकी इस गुजारिश पर जेल अधिकारी ने उनके सेल में दो-तीन कैदियों को भेजा भी था. लेकिन, जैसे ही इस बात की जानकारी अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लगी. तत्काल कैदियों को सेल से वापस बुला लिया गया.