सत्ता और संत

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ज्योतिर्पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के परम शिष्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी देहरादून प्रवास पर १२ मार्च को आये हुए थे। जनता के कार्य से वे शनिवार १३ मार्च को मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत से तय समय अनुसार दोपहर २ बजे बीजापुर गेस्ट हाउस के एनेक्सी में मिलने पहुंचे। स्वामीश्री के साथ मैं भी था, इसीलिए सत्ता और संत दोनों का स्वभाव देखा।

स्वामीश्री समय के पाबंद हैं और नए मुख्य मंत्री की व्यस्तता और समय का ख्याल करते हुए १.४५ यानि १५ मिनट पहले पहुँच गए। मुख्य मंत्री के स्टाफ ने उन्हें और उनके सहयोगियों को ससम्मान एक कक्ष में बैठाया। कुछ ही देर में वहां हमें पता चला कि स्वामीश्री का मिलने का समय २.३० बजे का है, स्वामीश्री इत्मीनान से अपने अनुयायी और सहयोगियों के साथ बैठ गए। मुख्य मंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्वामीश्री के पास आये और उन्होंने बताया कि मुख्य मंत्री जी मीटिंग में हैं अभी थोड़ी देर में उनसे मिलेंगे।

स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद जी ने जोशीमठ की जनता के लिए जोशीमठ में एक आधुनिक अस्पताल बनवाने का संकल्प लिया है जिसके लिए वे पहले भी वहां उपलब्ध सरकारी जमीन की मांग कर रहे थे। जोशीमठ में चिकित्सा स्वास्थ सेवाओं का बहुत आभाव है, वहां की जनता को इलाज कराने ऋषिकेश या देहरादून तक (१० घंटे का सफर) आने को मजबूर होना पड़ता है। वैसे तो इसकी प्रथम जिम्मेद्दारी प्रदेश सरकार की है… सत्ता की।

जोशीमठ या ज्योर्तिमठ हिन्दुओं के मोक्ष धाम बदरीनाथ जी से लगभग ४० किमी पहले बदरी विशाल के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य पड़ाव भी है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद जी महाराज हैं, उनके मार्गदर्शन से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वहां जोशीमठ में जनता के लिए एक १०० बेड वाला अस्पताल का निर्माण कराना चाह रहे हैं…. जनता के लिए।… तो आते हैं शनिवार १३ मार्च बीजापुर गेस्ट हाउस के अन्नेक्सी में मुख्य मंत्री से मिलने की प्रतीक्षा में बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वाले कक्ष में।

दोपहर के २.३० भी बज चुके थे, साथ आये स्वामीश्री के भक्त दोबारा और तिबारा मुख्य मंत्री के स्टाफ को याद दिला रहे थे इसपर किसी स्टाफ से यह पता चला कि मुख्य मंत्री से मिलने अचानक कुछ संघ प्रचारक आ गए हैं और मुख्य मंत्री उनके साथ व्यस्त हैं। सत्ता, व्यस्त थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से तो संघ प्रमुख मोहन भगवत भी समय लेकर आते हैं और उनसे घंटो मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।

खैर, स्वामीश्री के भक्त मुख्य मंत्री के स्टाफ से फिर निवेदन करते हैं और इसी सब में दोपहर के ३ बज जाते हैं, एक घंटा १५ मिनट की प्रतीक्षा के बाद स्वामीश्री ३ बजे अन्नेक्सी से मुख्य मंत्री से बिना मिले चले आते हैं। निर्धारित समय देने के बाद भी मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत एक संत के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। स्वामीश्री जाते जाते भी नए मुख्य मंत्री के हाथों जनता के लिए शुभ कार्य हों का आशीर्वाद देते हुए हरिद्वार कुम्भ के लिए प्रस्थान कर देते हैं। स्वामीश्री अपने संकल्प पर आज भी कायम हैं कि वे जोशीमठ की जनता के लिए अस्पताल बनवाएंगे, सत्ता का सहयोग हो या न हो।

भारत भूषण नौटियाल