भाजपा और कांग्रेस की सयासी लड़ाई लगातार जारी है। भाजपा को कांग्रेस का मुख्य विपक्षी दल माना जाता है। कोरोना के इस मुश्किल भरे दौर में कांग्रेस की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के सचिन पायलट पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं। इस बीच उन्होंने अपनी मांग सामने रखी है। कांग्रेस पार्टी पायलट को मनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। उनकी मांग किस तरह पूरी की जाए इस बात पर सोच विचार चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक पायलट की मांग पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है।
बता दें कि अशोक गहलोत सरकार की कैबिनेट में अभी 9 पद खाली हैं। इस बीच सचिन पायलट का कहना है कि इन 9 पदों में से 6 या 7 पद उनको दिए जाएं। सचिन की मांग है कि इन पदों में से 6-7 पदों पर उनके करीबी विधायकों को मंत्रिपरिषद में जगह दी जाए। उनकी इस मांग से कांग्रेस में हलचल पैदा हो गई है। गौरतलब हैं कि 18 निर्दलीय और बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को को लेकर भी पार्टी चिंता में हैं। इस दौरान सचिन की मांग के कारण कांग्रेस चारों तरफ से घिरी हुई है।
वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी कांग्रेस पर निशाना साधा हुआ है। पार्टी की हर हरकत पर भाजपा की नजरें जमी हुई हैं। कोई भी एक गलती कांग्रेस को बहुत भारी पड़ सकती है। बताते चलें कि पार्टी नेता सचिन पायलट और राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दिल्ली दौरे पर भी लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस दौर में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि “कांग्रेस के विधायक रूपी धावक दौड़ लगा रहे हैं और पता नहीं वह किधर चले जाएं। राजस्थान में अपमान की राजनीति हावी हो रही है, जिसका भुगतान प्रदेश की जनता को करना पड़ रहा है। विकास ठप है और व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।”