नई दिल्ली: 1989 में कश्मीर में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार मामले में SIT जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। लेकिन, मामले को लिस्टेड करने के बाद सोर्वाच्च न्यायाल ने इस मामले में सुनवाई करने से इंकार कर दिया। यह याचिका नरसंहार में मारे गए टीका लाल टपलू के बेटे आशुतोष टपलू ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर उन्होंने यह याचिका वापस ले ली।
Supreme Court refuses to entertain a plea seeking a probe into Kashmiri Pandit exodus and killings. SC allows petitioner to withdraw the plea and seek appropriate remedy. The plea was filed by Ashutosh Taploo, whose father Tika Lal Taploo was killed by JKLF militant at the time pic.twitter.com/BEEiOBGLBJ
— ANI (@ANI) September 19, 2022
शीर्ष कोर्ट ने टपलू से कहा कि वे यह मांग उपयुक्त मंच पर करें। टीका लाल टपलू की कश्मीर में हुए नरसंहार के दौरान जेकेएलएफ के आतंकियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि 32 साल बीत गए हैं, परिवार को यह भी नहीं पता कि मामले में किस तरह की जांच हुई। परिवार को एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई।
याचिकाकर्ता ने 1984 सिख नरसंहार के तीन दशक बाद जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित एसआईटी का भी हवाला दिया और टपलू की हत्या की एसआईटी जांच की मांग की। कोर्ट ने कहा कि हमने पहले इससे मिलती-जुलती याचिका खारिज की है। अब इसे नहीं सुन सकते।