जेसे की सभी जानते है कि सोमवार को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंस’क झ’ड़प में 20 भारतीय सैनिक श’हीद हो गए। जिसके चलते देश भर में चीनी उत्पादों के बहि’ष्कार की मांग उठ रही है। ऐसे में भारतीय रेलवे बोर्ड (Indian Railways Borad) ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि भारतीय रेलवे बोर्ड (Indian Railways Borad) के अध्यक्ष वी के यादव ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया। जिसके चलते उन्होंने रेलवे में सिर्फ भारत में निर्मित (Made in India) उत्पादों के इस्तेमाल का ज़िक्र किया और साथ ही साथ वो आयात को शून्य तक ले जाने के लिए प्रयासरत है। बता दें कि गुरुवार रेलवे ने चीन की एक कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट र’द्द करने का फैसला लिया था। जिसको लेकर रेलवे के अध्यक्ष वी के यादव का बयान आया है।
यादव ने अपने बयान में कहा कि हम कोशिश कर रहे है कि रेलवे द्वारा बनाए गए उत्पादों का ही निर्यात किया जाए। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाई जाने वाली बोलियों में चीनी कंपनियों के शामिल होने पर पाबं’दी लगाने के विचार पर जब उनसे सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि “रेलवे की निविदाओं में अधिकतर घरेलू कंपनियों को आमंत्रित किया जाता है।” साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पिछले 2-3 सालों में उत्पादों के आयात में कमी लाने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाएं हैं। उन्होंने कहा कि “हमने मेक इन इंडिया नीति लागू की है। हमारी सिग्नल प्रणाली, निविदा शुरू करने की नीति, इसके उदाहरण हैं। हमारे यहां मेक इन इंडिया के तहत 70 प्रतिशत से अधिक काम किये गए हैं।”
अध्यक्ष वी के यादव ने अपनी बातों को आगे रखते हुए कहा कि भारत द्वारा बनाए के उत्पादों का हम ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करना चाहते है। साथ ही रेलवे द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी निर्यात करने की कोशिश में जुटे हुए है। खबर के मुताबिक गुरुवार को रेलवे ने कहा था कि चीन की एक कंपनी द्वारा किए गए कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे खंड पर सिग्नल व दूरसंचार के काम में धीमी गति के चलते उन्होंने उनके इस काम को र’द्द करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि कंपनी को 2019 तक काम को समाप्त करना था लेकिन अभी तक मात्र 20 प्रतिशत की काम हुए है। जिसके चलते उन्होंने ये फैसला लिया।