मुंबई। महाराष्ट्र की यात्रा पर आई देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता, राष्ट्रीय दिव्यांगजन पुरस्कार विजेता और उत्तर भारतीय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. योगेश दुबे की ओर से किए जा रहे सामाजिक और राष्ट्रहित कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।
डॉ. योगेश दुबे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें अपनी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से युवाओं, दिव्यांगों और पिछड़ों के उत्थान की दिशा में किए जा रहे सामाजिक शैक्षणिक और राजनीतिक कार्यों की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि आप इसी तरह देश और समाज को मजबूत करने की दिशा में काम करते रहिए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने पिछले दिनों संविधान दिवस के अवसर पर अपील की थी कि देश के जेलों में बंद छोटे अपराध करने वाले आदिवासियों को मुक्त कराने की दिशा में काम होना चाहिए। डॉ. योगेश दुबे ने उन्हें बताया कि देश की जेलों में सजा पूरी होने के बावजूद जुर्माना अदा न करने के कारण भारी संख्या में बूढ़े कैदी रिहा नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने इस दिशा में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की और उनकी याचिका पर आयोग ने गृह सचिव, भारत सरकार और जेल महानिदेशक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। डॉ. योगेश ने उन्हें बताया कि वह लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।