निज़ी अस्पतालों और क्लिनिकों को झारखंड स्वास्थ्य सचिव की सख्त हिदायत,गैर कोविद-19 मरीज़ों इलाज़ में कोई कोताही बर्दाश्त नही

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देश में कोरोनावायरस के फैलाव के कारण इस समय लगभग सभी का ध्यान कोरोनावायरस के परीक्षण और इलाज़ की तरफ ज्यादा है। ऐसे में झारखंड सरकार में निजी अस्पतालों और क्लिनिकों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के अलावा भी अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों का इलाज पूरी तरीके से होना चाहिए।स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि, जो अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के इलाज में कोताही बरतेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ऐसे अस्पतालों और क्लिनिकों के निबंधन को भी रद्द किया जा सकता है।

डॉ कुलकर्णी ने यह भी कहा कि,कोई भी निजी अस्पताल ऐसे समय मे किसी प्रकार की लापरवाही ना बरतें।निजी क्षेत्र के अस्पताल अपने नियमित रोगियों को डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी और प्रसव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में संकोच कर रहे हैं।दरअसल,इन दिनों कुछ अस्पताल सभी मरीज़ों के कोविद-19 की जांच पर काफी ज्यादा फ़ोकस किये हुए हैं,ऐसे में डॉ कुलकर्णी का कहना है कि,कोरोना रोगियों के डायलिसिस,ब्लड ट्रांसफ्यूजन, गैर सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मामले को पता करने और व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है।केंद्र सरकार की ओर से भी आदेश जारी किया गया है कि सभी अस्पताल, क्लिनिक, विशेषकर निजी क्षेत्र के लोग मरीजों का इलाज करें।

इसके साथ ही उन्होंने यह चे’तावनी देते हुए कहा कि,जो अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के इलाज में कोताही बरतेगा,उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।ऐसे अस्पतालों और क्लिनिकों के निबंधन को भी रद्द किया जा सकता है।आपको बता दें कि,देश मे इस समय कोरोना संकट बढ़ता जा रहा है,पिछले 24 घण्टों में अब तक सबसे ज्यादा 3,900 मामले आये हैं जिसमे 197 लोगों की मौ’त हो चुकी है और इसके साथ ही देश भर में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की सँख्या 46 हज़ार के पार हो चुकी है।हलांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि,देश मे लगातार कोरोना टेस्टिंग की सँख्या को बढ़ाया जा रहा है, अब ताल 10 लाख से अधिक टेस्टिंग हो चुकी है।अन्य देशों के मुकाबले भारत कोरोना संकट से जल्द की छुटकारा पा जाएगा ।